Aakhiri Ishq Sabse Pahle Kiya-Paper Back

Special Price ₹160.00 Regular Price ₹200.00
20% Off
In stock
SKU
9788193773475
- +
Share:

इस किताब में एक ऐसे शाइ’र की शाइ’री है जो शहर के बाज़ारों के बीचो-बीच अपने वजूद के सेहरा में ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं। उनकी शाइ’री से ये नुमाया होता है कि उन्होंने वक़्त को अपने जिस्म के चाक पर रखकर उससे अपनी रफ़्तार का हम-रक़्स कर दिया है। वो किसी की मदहोश बाँहों की ख़्वाहिशों के नशे में इ’श्क़ के लामुतनाही सफ़र में अपने हम-अ’सरों से काफ़ी आगे निकल आए हैं और उनकी शाइ’री को इ’श्क़ का सफ़र-नामा भी कहा जा सकता है। उनके सहराई बदन का अहाता इतना वसीअ’ है कि इ’श्क़-ओ-हवस के तमाम ज़ावियों ने इस दश्त में अपना घर कर लिया है। नो’मान शौक़ सुब्ह-ओ-शाम अपने दश्त-ए-बदन में अपने मेहबूब को सोचते और लिखते रहते हैं।

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2020
Edition Year 2020, Ed. 1st
Pages 143p
Price ₹200.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Aakhiri Ishq Sabse Pahle Kiya-Paper Back
Your Rating
Noman Shauq

Author: Noman Shauq

नोमान शौक़

नो’मान शौक़ (सैयद मोहम्मद नो’मान) का जन्म 2 जुलाई, 1965 को आरा, बिहार में हुआ और शिक्षा-दीक्षा भी वहीं हुई। शे’र कहना 1981 में शुरू किया। अंग्रेज़ी और उर्दू में एम.ए. करने के बाद 1995 में आकाशवाणी से सम्‍बद्ध हुए और प्रसारणकर्ता की हैसियत से अधिकांश समय एफ़.एम. चैनल एवं उर्दू प्रोग्राम को दिया। फ़िलहाल आकाशवाणी की विदेश प्रसारण सेवा में कार्यरत हैं।

नो’मान शौक़ की कविताएँ, ग़ज़लें, समीक्षाएँ, लेख, अनुवाद आदि विभिन्न उर्दू-हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में न सिर्फ़ प्रमुखता से प्रकाशित होते रहे हैं, बल्कि उनकी रचनाओं का देशी-विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है। अब तक इनकी चार किताबें ‘अजनबी साअ’तों के दर्मियान’, ‘जलता शिकारा ढूँढ़ने में’, ‘फ़्रीज़र में रखी शाम’, ‘अपने कहे किनारे’ उर्दू में और कविता-संग्रह ‘रात और विषकन्या’ हिन्दी में भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित है। क‌ई उर्दू-हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं और वेबसाइट्स की परिकल्पना एवं सम्पादन में भी नो’मान शौक़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।


राजनीतिक और सामाजिक चिन्ताओं की व्यंग्यात्मक, धारदार परन्तु सरल, सहज अभिव्यक्ति और मोहब्बत-भरे बेबाक लहज़े की बदौलत समकालीन उर्दू शाइ’री में एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर की हैसियत रखते हैं। बुनियादी तौर पर ग़ज़ल का शाइ’र होने के बावजूद नो’मान शौक़ की शाइ’री प्रतिरोध और प्रेम का एक अद्भुत वैचारिक संगम है।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top