Yaad ki Rahguzar

Autobiography
Author: Shaukat Kaifi
Translator: Abdul Mughani
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Yaad ki Rahguzar
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‘याद की रहगुज़र’ शौकत कैफ़ी की वह दास्तान है जिसमें उनके शौहर उर्दू के मशहूर शायर और नग़मानिगार कैफ़ी आज़मी और उनके बच्चों एक्ट्रेस शबाना आज़मी और कैमरामैन बाबा आज़मी के ख़ूबसूरत और दिलचस्प क़िस्से हैं। प्रगतिशील लेखक आन्दोलन से जुड़े हुए कवियों और लेखकों का ज़िक्र है। ऊँचे सामाजिक मूल्यों के लिए संघर्ष करनेवाले किरदार हैं।

शौकत कैफ़ी स्टेज और फ़िल्म की एक बहुत मझी हुई और बेमिसाल अभिनेत्री भी हैं। ‘याद की रहगुज़र’ में उन्होंने इप्टा और पृथ्वी थियेटर से जुड़े हुए अपने दिलों के बारे में कई अनोखी बातें लिखी हैं। ‘याद की रहगुज़र’ शौकत कैफ़ी के बहुरंगी अनुभवों का बयान है जिसमें जीवन के ठंडे और गरम मौसमों की तस्वीरें हैं। मानवमन का रोमांस है, हिम्मत और विजय की भावना है। बहुत सादा लेकिन अर्थपूर्ण यह लेखन पाठक के दिल और दिमाग़ में अतीत से प्रेम और भविष्य के प्रति आस्था जगाता है।

—असग़र वजाहत

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2006
Edition Year 2018, Ed. 4th
Pages 152p
Translator Abdul Mughani
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
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Editorial Review

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Shaukat Kaifi

Author: Shaukat Kaifi

शौकत कैफ़ी

शौकत कैफ़ी एक कमाल की अदाकारा थीं। उन्होंने भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा) और पृथ्वी थियेटर के नाटकों में एक अरसे तक अदाकारी के जौहर दिखाए। इसके अलावा उन्होंने बहुत-सी फ़िल्मों में अपनी फ़नकारी का भरपूर मुज़ाहिरा किया, जिसमें एम.एस. सथ्यू की फ़िल्म ‘गर्म हवा’, मीरा नायर की ‘सलाम बॉम्बे’ और मुज़फ़्फ़र अली की फ़िल्म ‘उमराव जान’ उल्लेखनीय हैं।

वो 20 अक्टूबर, 1926 को हैदराबाद में पैदा हुईं। 1947 में उनकी शादी मशहूर तरक़्क़ीपसन्द शायर और नग़मानिगार कैफ़ी आज़मी से हुई। पचपन साल तक यह साथ रहा। इनके दो बच्चे प्रख्यात अभिनेत्री शबाना आज़मी और फ़िल्मकार बाबा आज़मी हैं। ‘याद की रहगुज़र’, शौकत कैफ़ी की आपबीती है और पहली कृति भी।

22 नवम्बर, 2019 को मुम्बई में निधन।

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