White House Mein Ramleela

Author: Alok Puranik
Edition: 2015, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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White House Mein Ramleela

आलोक पुराणिक ने अपनी रचनाओं से व्यंग्य विधा को एक नया शिल्प और सौन्दर्य प्रदान कर विशिष्ट पहचान दी है। ‘व्हाइट हाउस में रामलीला’ उनका महत्त्वपूर्ण संग्रह है। इस व्यंग्य-संग्रह में उनकी आकार में छोटी दिखनेवाली टिप्पणियाँ विचार का एक

बड़ा कैनवस रचती हैं। आम आदमी की रोज़मर्रा की पीड़ा से लेकर व विश्व फ़लक पर होनेवाली घटनाओं तक सबको उन्होंने इसमें समेटा है।

आज की सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक व आर्थिक विडम्बनाओं का परत-दर-परत खोलते हुए व्यंग्यकार ने उन कारणों की ओर भी संकेत किया है जो इन स्थितियों के मूल में हैं।

कुछ लेखों में धार्मिक आडम्बरों और ढोंगों पर भी व्यंग्य किया गया है जो लोगों की भावनाओं का लाभ उठाकर अपनी जेब भरते हैं।

समसामयिक जीवन और समाज के विभिन्न पक्षों पर तीखी निगाह से दृष्टिपात करते ये व्यंग्य-लेख निश्चय ही पाठकों को लम्बे समय तक याद रहेंगे।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2011
Edition Year 2015, Ed. 2nd
Pages 239p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Alok Puranik

Author: Alok Puranik

आलोक पुराणिक

जन्म : 30 सितम्बर, 1966, आगरा।

शिक्षा : एम.कॉम., पी-एच.डी.।

‘अमर उजाला’, ‘राष्ट्रीय सहारा’, ‘नवभारत टाइम्स’, ‘जागरण’, ‘उदय पत्रिका’, ‘दैनिक नवज्योति’, ‘दैनिक ट्रिब्यून‘, ‘स्वतंत्र वार्ता’, ‘सेंटिनल’, ‘लोकमत समाचार’, समेत कई पत्र-पत्रिकाओं में नियमित व्यंग्य-लेखन।

प्रमुख कृतियाँ : ‘बालम, तू काहे न हुआ एन.आर.आई.’, ‘नेकी कर, अख़बार में डाल’, ‘ह्वाइट हाउस में रामलीला’, ‘छिछोरेबाज़ी का रिजोल्यूशन’।

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में अध्यापन।

ई-मेल: alokpuranik@yahoo.com

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