‘विमुक्त जनजातियाँ : बदलाव के पहलू’ पुस्तक दसारी, डोम्मार, नक्काल, सुगाली, येरुकुला और यनाडी 'अपराधी' जनजातियों के उद्गम और विकास के सम्बन्ध में एक शोधपरक अनुसन्धान का परिणाम है।
1904 और 1914 के बीच पाँच प्रमुख अपराधी जनजाति बस्तियाँ गुंटूर के सीतानगरम और स्टुअर्टपुरम, नेल्लोर के कप्पाराला टिप्पा, कुरनूल के सिद्धपुरम और मेहबूबनगर जिले के लिंगाला में बनाई गई थीं। इन बस्तियों पर अपराधी जनजाति कानून के अन्तर्गत पुलिस और मिशनरियों का कठोर नियंत्रण था और इन समुदायों को लगभग दासता में रहना पड़ता था। इन बस्तियों की स्थापना से अब तक विमुक्त जनजातियों के विविध पहलुओं पर इस पुस्तक के निबन्ध व्यापक शोध और वस्तुगत निरीक्षण पर आधारित हैं। अभिलेखागारों में संचित सामग्री के सतर्क विश्लेषण के माध्यम से किया गया यह अध्ययन जनगण के रूपान्तरण, बस्तियों के स्वरूप, भू-आवंटन, वित्तीय प्रबन्धन, स्वास्थ्य, शिक्षा और आन्ध्र प्रदेश में विविध जनजाति समुदायों की वर्तमान स्थिति को सामने लाता है।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Translator | Prakash Dixit |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2023 |
Edition Year | 2023, Ed. 1st |
Pages | 344p |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22 X 14.5 X 2 |