Vajood Aurat Ka

Author: Gloria Steinem
Translator: Bhawna Mishra
Editor: Ruchira Gupta
Edition: 2020, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
As low as ₹315.00 Regular Price ₹350.00
10% Off
In stock
SKU
Vajood Aurat Ka
- +
Share:

दुनिया की सर्वाधिक प्रतिष्ठित नारीवादी लेखिका ग्लोरिया स्टायनेम ने अपने कुछ शुरुआती साल भारत में बिताए हैं। जिस दौरान ग्लोरिया भारत में थीं, वे इस गाँधीवादी विचार से प्रभावित हुईं कि परिवर्तन को हमेशा एक वृक्ष की तरह नीचे से ऊपर की ओर बढ़ना चाहिए। इसके बाद, अमेरिका और विश्व-भर के नारीवादी आन्‍दोलनों के लिए किए गए अपने कई दशकों के काम से उन्होंने सीखा कि कर्ता और कारक, शासक और शासित, 'मर्द’ और 'औरत’ के रूप में मनुष्यों के झूठे बँटवारे की आड़ में हिंसा और वर्चस्व का सामान्यीकरण किया जाता रहा है।

'वजूद औरत का’ में, ग्लोरिया स्टायनेम और एक्टिविस्ट रुचिरा गुप्ता ने साथ मिलकर ग्लोरिया के कुछ अभूतपूर्व निबन्‍धों को प्रस्तुत किया है। ये वे निबंध हैं जो अपने लिखे जाने के बाद से, सीमाओं से बेपरवाह दुनिया-भर में पहुँच गए और आधुनिक नारीवादी विचारों के एक बड़े हिस्से के लिए नींव तैयार की। इन पन्नों में, ग्लोरिया ने यह सच्चाई खोलकर रख दी है कि स्त्री-शरीर पर नियंत्रण के ज़रिए ही नस्ली और जाति तथा वर्ग आधारित भेद-भाव अपनी जड़ें जमाए हुए हैं—ग्लोरिया यह भी बताती हैं कि किस-किस तरह से स्त्री और पुरुष इस नियंत्रण के लिए आपस में लड़ रहे हैं। वह बड़े ही शानदार ढंग से पुरुषत्व के प्रति अडोल्फ़ हिटलर की सनक का विश्लेषण करती हैं और उसके व्यक्तित्व में जड़ें जमाते हुए हिंसा के लैंगिक विचार को उभरता हुआ पाती हैं। उन्होंने कामुक साहित्य (इरोटिका) और पोर्नोग्राफ़ी के अंतर को समझाया है और स्पष्ट किया है कि यह अन्‍तर दोनों लिंगों के मध्य सम्बन्‍धों को नियंत्रित करनेवाली असमानता के कारण पैदा होता है। एक प्लेबॉय बनी के रूप में बिताए अपने कुछ दिनों के मार्मिक अनुभव के अलावा इस किताब में ग्लोरिया द्वारा देह-व्यापार के लिए की जानेवाली मानव तस्करी पर लिखा गया और अब तक अप्रकाशित निबन्‍ध 'तीसरी राह’ भी शामिल है।

'वजूद औरत का’ एक अध्ययनशील नज़रिए से लिखी गई किताब है जिसमें काफ़ी गहराई है। इस किताब को ऐसे अन्‍दाज़ में लिखा गया है कि इसमें मौजूद जटिल बहसें भी सहजता के स्पर्श के कारण पढ़नेवाले को एकदम सरल रूप में समझ आती हैं। इस संग्रह में आपको नए विचार, ग़ुस्सा, गम्‍भीरता और हँसी और एक दोस्त, सबकुछ मिलेगा।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2020
Edition Year 2020, Ed. 1st
Pages 328p
Translator Bhawna Mishra
Editor Ruchira Gupta
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 3
Write Your Own Review
You're reviewing:Vajood Aurat Ka
Your Rating
Gloria Steinem

Author: Gloria Steinem

ग्लोरिया स्टायनेम

25 मार्च,1934 को टोलेडो, ओहायो में जन्मी ग्लोरिया स्टायनेम एक लेखिका, वक्ता और आयोजक हैं, जिनका अब तक का काम पिछले चालीस सालों से अमेरिका और अन्य कई देशों में नारीवादी क्रान्ति का मूल हिस्सा रहा है। वे लिंग व नस्ल, जाति व वर्ग और लिंग व हिंसा के बीच की कड़ि‍याँ तलाशने में ख़ासतौर पर दिलचस्पी रखती हैं। ग्लोरिया ने पत्रकारिता से अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत की और न्यूयॉर्क व ‘एमएस’ मैगज़ीन की सह-संस्थापक बनीं।

हर तरह के मसले पर ग्लोरिया की संवेदनशीलता और उनका जोशीला, गम्‍भीर और हाज़‍िरजवाब अन्‍दाज़ उनके लेखन की पहचान कराते हैं। उनके निबन्ध ‘मूविंग बियॉन्ड वर्ड्स’ : एज, रेज, सेक्स, पॉवर, मनी, मसल्स : ब्रेकिंग द बाउंड्रज़ ऑफ़ जेंडर’ (1995), ‘रिवॉल्यूशन फ़्रॉम विदिन : अ बुक ऑफ़ सेल्फ़-एस्टीम’ (1992) और ‘आउटरेजियस एक्ट्स एंड एवरीडे रिबेलियन्स’ (1983) में संगृहित हैं। एक सक्रिय लेखक होने के साथ-साथ ग्लोरिया Equality की बोर्ड मेम्बर भी हैं, जो महिलाओं का एक वैश्विक मानवाधिकार समूह है; और विमेन्स मीडिया सेंटर की बोर्ड मेम्बर और सह-संस्थापक भी हैं, जिसका काम महिला विरोधी मीडिया को प्रकाश में लाना और उसे बदलना है। वे ‘अपने आप विमेन वर्ल्‍डवाइड’ की अध्यक्ष हैं, जो देह-व्यापार के लिए होनेवाली मानव तस्करी के ख़ि‍लाफ़ बुनियादी स्तर पर काम करनेवाली एक भारतीय संस्था है। ग्लोरिया के काम और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए साल 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ़ फ़्रीडम’  प्रदान किया था।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top