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Sampat Saral
2 Books
सम्पत सरल
अपने तीखे वैचारिक व्यंग्यों से सामाजिक-राजनीतिक विसंगतियों को उजागर करने वाले सम्पत सरल का जन्म 8 अप्रैल, 1962 को गाँव मणकसास, झुंझनू, राजस्थान में हुआ। वे हिन्दुस्तानी व्यंग्य लेखकों में अपनी अलग पहचान रखते हैं। दुःख और करुणा को हँसते हुए रचना बना देने का फ़न बहुत मुश्किल है, लेकिन उन्होंने इसे न सिर्फ़ बड़ी सरलता से साधा है, बल्कि नए मुहावरों और नए प्रतीकों के साथ व्यंग्य की नई ज़मीन भी खोजी है।
लेखन और वाचन दोनों माध्यमों से हिन्दी व्यंग्य को वैश्विक बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सम्पत सरल को पढ़-सुनकर हठात् जो मुस्कान उभरती है, वह भीतर तक उद्वेलित भी करती है।
ई-मेल : sampatsaralshow@gmail.com