Soochana Praudyogikee Aur Samachar Patra

Author: Ravindra Shukla
Edition: 2008, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Soochana Praudyogikee Aur Samachar Patra

आधुनिक कम्प्यूटर के सहारे परवान चढ़ा सूचना युग आज सर्वव्यापी है। सूचना प्रौद्योगिकी और उसका इंटरनेट-महाजाल आज समाज के बड़े भाग की रोज़मर्रा ज़िन्दगी को प्रभावित कर रहे हैं। अनेक चिन्तकों ने इसकी भविष्यवाणी दशकों पहले ही कर दी थी, पर जो सामने आया वह भविष्यवाणियों से कहीं ज़्यादा था। इंटरनेट, जो नए मीडिया के रूप में उभरा, पुराने प्रिंट मीडिया के लिए ख़तरे की घंटी के रूप में देखा जाने लगा। एक समय में अख़बारों के प्रसार और विज्ञापन में लगभग स्थिरता से प्रिंट मीडिया में चिन्ता की लहरें छा गईं, किन्तु उनसे उबरते देर भी नहीं लगी क्योंकि एक सार्वजनिक मीडिया के रूप में इंटरनेट जन-जन में ग्राह्य नहीं हो पाया और छपे हुए शब्द की महत्ता बनी रही। यह पुस्तक इन तथ्यों और विषय-उपविषयों को वर्णनात्मक और विश्लेषणात्मक रूप में अध्याय-दर-अध्याय रखते हुए अपने निष्कर्ष की ओर बढ़ती है।

इसमें सूचना क्रान्ति और सूचना युग की विशेषता और कतिपय ज़रूरी तकनीकी शब्दों से परिचित कराते हुए देश-विदेश में इंटरनेट के विकास का जायजा लिया गया है। पुराने (प्रिंट) और (इंटरनेट) मीडिया की तुलना है तो यह भी शामिल है कि इंटरनेट पर भारतीय अख़बार और पत्रिकाओं का पदार्पण कैसे हुआ, इसमें भाषा की समस्या क्या थी और उसे सुलझाने के क्या उपाय हुए। पहले-पहल जो अख़बार और पत्रिकाएँ इंटरनेट पर आए, उनकी एक सूची और हिन्दी के कुछ अख़बारों के इंटरनेट संस्करणों के नमूने भी इसमें हैं। इंटरनेट बनाम अख़बार के तहत जहाँ एक तुलनात्मक अध्ययन किया गया है, वहीं इंटरनेट और बाज़ारवाद के दोहरे प्रहारों के चलते अख़बारों के विज्ञापन, प्रसार और विषय-वस्तु में आ रहे बदलावों का भी विश्लेषण है।

इसके अलावा यह पुस्तक इंटरनेट और लोगों के प्रजातांत्रिक अधिकारों के अन्तर्सम्बन्धों पर भी दृष्टिपात करती है। कई लब्धप्रतिष्ठ पत्रकारों के साक्षात्कारों, विभिन्न रिपोर्टों और कृतियों से लिए गए उद्धरणों और सांख्यिकी के ज़रिए विवेचना को पुष्ट बनाया गया है, जिसका निष्कर्ष कुछ रोचक दृष्टान्तों के साथ मन्थन में है। इसका सार वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष जोशी की इस समापन टिप्पणी में है कि ‘जब तक मनुष्य की लिखने-पढ़ने में रुचि रहेगी तब तक काग़ज़ और क़लम से उसका जुड़ाव रहेगा और तब तक अख़बारों को भी कोई समाप्त नहीं कर सकेगा।’

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2005
Edition Year 2008, Ed. 2nd
Pages 132p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Author: Ravindra Shukla

रवीन्द्र शुक्ला

जन्म : अप्रैल, 1950

शिक्षा : बी.टेक.एड.

पत्रकारिता : आरम्भ 1968 में दैनिक ‘मध्य प्रदेश’ भोपाल से। 1970 में ‘नई दुनिया’ इन्‍दौर में सह-सम्पादक। 33 वर्षों तक वहीं समाचार तथा विचार प्रभागों के विभिन्न उत्तरदायित्व सँभाले। देश के अग्रणी विकासीय पत्रकारों में गणना। विशेषकर पर्यावरण, कृषि, जल-प्रबन्धन, स्कूली शिक्षा, पंचायत और वंचित तबक़ों पर लेखन। सैकड़ों रपटें, आलेख, इंटरव्यू तथा अग्रलेख प्रकाशित। विभिन्न राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय अध्येतावृत्तियों के तहत—1979 में प्रेस इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की फ़ीचर सेवा ‘डेप्थ न्यूज़’ के लिए विकासीय विषयों पर लेखन; 1983 में मनीला (फ़िलीपीन्स) में ग्रामीण पत्रकारिता का विशेष अध्ययन; 1987 में मध्य प्रदेश के आदिवासीबहुल झाबुआ ज़िले में पर्यावरणीय ह्रास पर विशेष अध्ययन तथा 1999 में शहडोल और रीवा ज़िलों में मध्य प्रदेश शासन के जल संग्रहण तथा शिक्षा मिशन कार्यक्रमों के अमल की समीक्षा। आकाशवाणी के इन्दौर केन्द्र से वार्ताएँ प्रसारित। बी.बी.सी. के लन्दन स्थित मुख्यालय से 1999 तथा 2000 में जल प्रबन्धन पर इंटरव्यू प्रसारित। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय तथा प्रशासन अकादमी, भोपाल में क्रमशः पत्रकारिता तथा जल-प्रबन्धन पर व्याख्यान।

विभिन्न विषयों पर दर्जनों राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों व कार्यशालाओं में भागीदारी। जल-प्रबन्धन में विशेष अभिरुचि। तेहरान (ईरान), ओत्सू (जापान) तथा स्टॉकहोम (स्वीडन) में आलेख-वाचन। वर्ष 2003 में क्योटो (जापान) में विश्व जल महासम्मेलन में ‘जल प्रबन्धन तथा पत्रकारिता’ पर सत्र का आयोजन। सामाजिक कार्यों में गहरी अभिरुचि। 1976 से 1980 तक राष्ट्रीय नेत्र सुरक्षा संस्था, नई दिल्ली के मुखपत्र ‘हमारी आँखें’ का मानसेवी सम्पादन। स्वैच्छिक संस्था ‘नवदीप’ के अध्यक्ष तथा शिक्षा क्षेत्रीय जल सहभागिता के समन्वयक। भारतीय जल सहभागिता, नई दिल्ली के संयुक्त सचिव।

प्रमुख कृतियाँ : ‘सूचना प्रौद्योगिकी और समाचार-पत्र’, ‘मध्य प्रदेश सन्दर्भ—2003’ (सं., ‘समन्वित जल संसाधन प्रबन्धन’ (अनुवाद) आदि।

सम्‍मान : ‘रोटरी क्लब ऑफ़ इन्‍दौर सम्मान’, ‘गणेश शंकर विद्यार्थी राज्य स्तरीय सम्मान’ आदि।

यात्रा : फ़िलीपीन्स, हांगकांग, स्वीडन, यू.के., नीदरलैंड्स, ईरान, जापान, थाईलैंड, मलयेशिया तथा फ़्रांस।

सम्प्रति : समाचार सम्पादक, राष्ट्रीय हिन्दी समाचार, ‘ई.टी.वी.’ (मुख्यालय हैदराबाद)।

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