Siddh Sahitya

Edition: 2024, Ed. 4th
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Siddh Sahitya
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बौद्ध-सिद्धों और पत्रों की सामाजिक स्थिति में भी एक बहुत बडा अन्‍तर आ चुका था। 8वीं शताब्दी में तांत्रिक आन्दोलनों के अध्ययन से प्रतीत होता था कि सारे देश में संकीर्ण जाति-व्यवस्था और शुद्धतावादी अमीर-पद्धति के विरुद्ध एक व्यापक विद्रोह जाग उठा था और निम्न वर्ग की जातियाँ उस समय सशक्त और जागरूक थीं।

अत: एक ओर ये सन्त एक पराजित और सामाजिक अन्य से पीड़‍ित वर्ग के प्रतीक थे, दूसरी ओर ये तांत्रिक विद्रोह के खोखलेपन से भी परिचित थे और तीसरी ओर यवनों की मज़हबी कट्टरता का भी स्वागत नहीं कर पाते थे और चौथी ओर वैष्णव भज-साधना के प्रति आकर्षित होते हुए भी उनके अवतारवाद को ये तर्कसम्मत नहीं मानते थे। सिद्ध-साहित्य का यह अध्ययन एक ओर उन कई जटिलताओं का समाधान करता है जो अभी तक पत्रों और नाथयोगियों के अध्ययन में बाधक सिद्ध होती रही है, दूसरी ओर वह अनादिकाल और मध्यकाल के सर्वथा नए मूल्यांकन के लिए एक भूमिका भी प्रस्तुत करता है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2015
Edition Year 2024, Ed. 4th
Pages 416p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2.5
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Dharmveer Bharti

Author: Dharmveer Bharti

धर्मवीर भारती
जन्म : 25 दिसम्बर, 1926 को इलाहाबाद के अतरसुइया मोहल्ले में।शिक्षा : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.ए. तथा एम.ए. की शिक्षा प्राप्त की।इलाहाबाद विश्वविध्यालय में अध्यापन। तदुपरान्त कई पत्रिकाओं में लेखन-कार्य से जुड़े। कुछ समय तक हिन्दुस्तानी एकेडेमी में भी कार्यरत रहे। इसके बाद साहित्यिक पत्रिका 'निकष' तथा 'धर्मयुग' का सम्पादन लम्बे अरसे तक किया। वे प्रगतिशील लेखक संघ के मंत्री भी रहे।प्रकाशित प्रमुख कृतियाँ : ‘मुर्दों का गाँव’, ‘स्वर्ग और पृथ्वी’, ‘चाँद और टूटे हुए लोग’, ‘बन्‍द गली का आख़‍िरी मकान’, ‘साँस की क़लम से’ (कहानी-संग्रह); ‘ठंडा लोहा’, ‘सात गीत वर्ष’, ‘कनुप्रिया’, ‘सपना अभी भी’, ‘आद्यन्त’ (कविता-संग्रह); ‘गुनाहों का देवता’, ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’, ‘ग्यारह सपनों का देश’, ‘प्रारम्‍भ व समापन’ (उपन्‍यास); ‘ठेले पर हिमालय’, ‘पश्यन्‍ती’ (निबन्‍ध); ‘नदी प्यासी थी’, ‘नीली झील’, ‘आवाज़ का नीलाम’ (एकांकी व नाटक); ‘अंधा-युग’ (पद्य नाटक); ‘प्रगतिवाद : एक समीक्षा’, ‘मानव मूल्य और साहित्य’, ‘सिद्ध साहित्‍य’ (आलोचना) आदि।

सम्‍मान : ‘व्यास सम्मान’, के.के. बिड़ला फ़ाउंडेशन; ‘सर्वश्रेष्ठ नाटककार पुरस्कार’, संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली; ‘राजेन्द्र प्रसाद सम्मान’;  ‘भारत भारती पुरस्कार’, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान; ‘हल्दी घाटी श्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार’, ‘पद्मश्री’ आदि से सम्‍मानित।

निधन : 4 सितम्बर, 1997

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