Shikhar Ki Dhalan

Author: Tarun J. Tejpal
Translator: Devendra kumar
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Shikhar Ki Dhalan
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धनहीन, लेकिन प्रेम की गरिमा से रचा-बसा एक नौजवान युगल छोटे से एक क़स्बे से बड़े शहर में आता है। युवक यहाँ दिन-रात अपने उपन्यास को पूरा करने में जुटा है; अपनी ख़ूबसूरत बीवी की इच्छा ही बीच-बीच में उसका हाथ रोकती है। कुछ समय बाद वे शहर को छोड़कर मध्य हिमालय के एक पुराने घर में चले जाते हैं। इस घर को रहने लायक़ बनाते समय युवक को एक पेटी मिलती है, जिसमें घर की पुरानी मालकिन की डायरियाँ भरी हैं और, तब खुलता है एक दूसरी दुनिया का, एक दूसरे ही वक़्त का दरवाज़ा, और एक कहानी के अँधेरे रहस्यों का...।

चर्चित पत्रकार तरुण तेजपाल का मूल रूप से अंग्रेज़ी में लिखा उपन्यास ‘द अल्केमी ऑफ़ डिज़ायर’ दुनिया की एक दर्जन से ज़्यादा भाषाओं में अनूदित हो चुका है, और विश्व के लाखों पाठकों तक पहुँच चुका है। नोबेल विजेता, भारतीय मूल के अंग्रेज़ी लेखक वी.एस. नायपाल ने इसे भारत में लिखा गया ‘प्रतिभापुष्ट मौलिकता’ से सम्पन्न उपन्यास कहा। ‘शिखर की ढलान’ इसी उपन्यास का उत्तम अनुवाद है।

ऐन्द्रिकता और आवेग से भरे इस उपन्यास को विश्व-भर के पत्र-पत्रिकाओं और आलोचकों ने सराहा है, और इसे भारत के किसी अंग्रेज़ी लेखक की अभूतपूर्व रचना माना है।

‘बोस्टन ग्लोब’ की टिप्पणी है :

‘‘तेजपाल ने एक तीव्रगामी और ऐन्द्रिक उपन्यास लिखा है, जो भारत के जनसाधारण पर दशकों से क़ाबिज़ समझदार और छिद्रान्वेषी नैतिकता को सही करने की कोशिश करता है। इसके स्पष्ट, रक्ताभ आवेग और इसकी विराट महत्त्वाकांक्षा की प्रशंसा किए बिना नहीं रहा जा सकता। यह उपन्यास उल्लास की चीख़ है। जो सशक्त और पुख़्ता आन्तरिक जीवन के महत्त्व को उस समाज में रहते हुए रेखांकित करता है जो समाज किनारों से उधड़ने, छीजने लगा है। भारतीय जनजीवन के विषय में लिखने की ईश्वर-प्रदत्त क्षमता से सम्पन्न तेजपाल सम्भवतः समझते हैं कि ऐसे समाज में जहाँ टुटपुँजिया भ्रष्टाचार व्याप्त हो, युद्ध के नगाड़े पीटे जाते हों, परमाणु परीक्षण को लेकर शेखी बघारी जाती हो, और जहाँ ग़रीबों को लूटनेवाले और अमीरों की शरण में पड़े साधु-संन्यासी हों, वहाँ घरेलू जीवन का क्या महत्त्व है, और एक ऐसी जगह बनाने की ज़रूरत भी कितनी है जहाँ व्यक्ति इस सबको छोड़कर अपने आत्म के साथ रह सके।”

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2013
Edition Year 2013, Ed. 1st
Pages 440p
Translator Devendra kumar
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2.5
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Tarun J. Tejpal

Author: Tarun J. Tejpal

तरुण जे. तेजपाल

जन्म : 15 मार्च, 1963
तरुण तेजपाल पत्रकार, प्रकाशक और उपन्यासकार हैं। अपने पत्रकारिता-जीवन की शुरुआत उन्होंने ‘इंडिया टुडे’ से की और तत्पश्चात् ‘आउटलुक’ के प्रबन्ध सम्पादक रहे। मार्च, 2000 में आपने tehelka.com की शुरुआत की, जिसे जनहितकारी पत्रकारिता के लिए विश्व-भर में प्रसिद्धि मिली। ‘इंडिया इंक’ नाम से उन्होंने एक प्रकाशन भी शुरू किया, जिससे 1998 में अरुंधति रॉय का चर्चित उपन्यास ‘गॉड ऑफ़ स्माल थिंग्स’ प्रकाशित हुआ था।
पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातक तरुण तेजपाल को 2001 में ‘बिज़निस वीक’ पत्रिका ने 50 ऐसे लोगों में एक घोषित किया था जो एशिया में परिवर्तन को गति देने में अग्रणी रहे। सन् 2009 में इसी पत्रिका ने उन्हें भारत के सर्वाधिक शक्तिशाली 50 लोगों में शुमार किया, तो 2007 में ‘द गार्जियन’ ने माना कि भारत के नए अभिजात वर्ग की रचना में जिन 20 लोगों की मुख्य भूमिका रही, उनमें तरुण तेजपाल भी हैं।
‘द अल्केमी ऑफ़ डिज़ायर’ (2006) तरुण तेजपाल का पहला उपन्यास था जिसे फ़्रांस का ‘प्रिक्स मिलेपेजेज’ पुरस्कार मिला। उनका दूसरा उपन्यास ‘द स्टोरी ऑफ़ माय असेसिन्स’ 2010 में प्रकाशित हुआ और 2011 में ‘द वैली ऑफ़ मास्क्स’ आया।
सम्प्रति : आप ‘तहलका’ के प्रमुख सम्पादक तथा प्रकाशक भी हैं।

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