Shambook

Author: Jagdish Gupt
As low as ₹127.50 Regular Price ₹150.00
You Save 15%
In stock
Only %1 left
SKU
Shambook
- +

‘पद्मपुराण’ के सृष्टिखंड और उत्तरखंड, ‘महाभारत’ के शान्तिपर्व तथा ‘आनन्द रामायण’ के भी अनेक अध्यायों में शम्बूक की कथा समाहित है जिससे इसकी प्राचीनता और परम्परागत मान्यता दोनों ही बातें सिद्ध हो जाती हैं। इस पुस्तक में शम्बूक को भूमिपुत्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है। शम्बूक की तर्कशीलता जीवन के उस पहलू को उद्घाटित करती है जिसकी उपेक्षा करने से राम का ब्रह्मतत्त्व एवं उनकी विराटता अपनी अर्थवत्ता खो देती है। आधुनिक युग की

प्रजातांत्रिक समाजवादी विचारधारा इसी बिन्दु पर प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक परम्परा से मेल खा जाती है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2013
Edition Year 2013, Ed. 1st
Pages 104p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Shambook
Your Rating

Author: Jagdish Gupt

जगदीश गुप्त

जन्म : 3 अगस्‍त, 1924, शाहाबाद, हरदोई, उत्तर प्रदेश।

शिक्षा : एम.ए., डी. फ़िल., इलाहाबाद विश्वविद्यालय।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष रहे। 1986-87 में अवकाश प्राप्त। प्रयाग में गंगा तट पर निवास। ‘गंगे तव दर्शनात् मुक्ति’: उक्ति विशेष सार्थक हुई। चित्र-रचना, रेखांकन, मृण्मूर्ति-संग्रह, यायावरी, मैत्री, स्वाध्याय आदि विषय विशेष अभिरुचि के क्षेत्र रहे।

प्रमुख कृतियाँ : कविता-संग्रह—‘नाव का पाँव’, ‘शब्द-दंश’, ‘हिम-विद्ध’, ‘युग्म’, ‘शम्बूक’ और ‘छन्द-शती’; आलोचना—‘नयी कविता : स्वरूप और समस्याएँ’; शोध—‘गुजराती और ब्रजभाषा कृष्ण-काव्य का तुलनात्मक अध्ययन’ (15वीं से 17वीं शती); कला—‘प्रागैतिहासिक भारतीय चित्रकला’, ‘भारतीय कला के पद-चिन्ह’; सम्पादित संग्रह—‘रीति-काव्य-संग्रह’, ‘कवितान्तर’, ‘काव्य-सेतु’, ‘त्रयी—1,2’; सम्पादित पत्रिका—‘नयी कविता’ (1-8 अंक, ’54 से ’68)।

सम्‍मान : उत्तर प्रदेश के ‘भारत भारती सम्‍मान’ तथा मध्य प्रदेश के ‘राष्‍ट्रीय मैथिलीशरण गुप्‍त सम्‍मान’ से सम्मानित।

निधन : 26 मई, 2001

Read More
Books by this Author
Back to Top