Shabd Parspar

As low as ₹297.50 Regular Price ₹350.00
You Save 15%
In stock
Only %1 left
SKU
Shabd Parspar
- +

कृष्णा सोबती अद्वितीय लेखिका हैं। कहानी, उपन्यास, संस्मरण, साक्षात्कार, संवाद जिस भी विधा में उन्होंने काम किया, विलक्षण किया। शब्द की सत्ता पर उनका विश्वास अटूट है, और साहित्यिक तथा वास्तविक जीवन-व्यवहार में मानवीय मूल्यों के प्रति उनका आग्रह अबाध। वे अपने मूल्यों को लेखक के तौर पर भी जीती हैं, और नागरिक के तौर पर भी। जैसा कि इस पुस्तक में निरंजन देव ने लक्ष्य किया है, ‘शब्द कृष्णा सोबती की ताक़त रहे हैं और उनके विरोध और औज़ार भी...केवल रचनात्मक लेखन में नहीं, बल्कि पत्र तक प्रेषित करने के मामले में वह शब्दों की ताक़त और उनके चयन को लेकर सजग रही हैं।’

कृष्णा सोबती की विलक्षण उपस्थिति हिन्दी समाज को उचित गर्व का कारण देती है।

निरंजन देव ने इस विलक्षण उपस्थिति के सभी पहलुओं को परखने की कोशिश की है। आरम्भिक कहानियों से लेकर कृष्णा सोबती के हशमत अवतार तक पर, ‘बुद्ध का कमंडल’ तक पर निरंजन ने संवेदनशील आलोचनात्मकता से सम्पन्न विचार किया है। यह विचार कृष्णा सोबती के लेखकीय विकास का प्रामाणिक चित्र प्रस्तुत करने के साथ ही, उनके साहित्यिक-सांस्कृतिक सरोकारों का विश्वसनीय लेखा-जोखा प्रस्तुत करता है।

कृष्णा सोबती के समग्र रचनात्मक अवदान पर केन्द्रित मुकम्मल किताब, बल्कि किताबों की ज़रूरत बनी हुई है, निरंजन देव की ‘शब्द परस्पर’ इस ज़रूरत को पूरी करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है। मुझे विश्वास है कि कृष्णा सोबती के पाठकों के बीच यह एक ज़रूरी किताब मानी जाएगी।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 168p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Shabd Parspar
Your Rating
Niranjan Dev Sharma

Author: Niranjan Dev Sharma

निरंजन देव शर्मा

जन्म : 12 मई, 1967;हिमाचल प्रदेश के चम्बा ज़िले में।

शिक्षा : सुन्दरनगर और कुल्लू में आरम्भिक शिक्षा के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएच.डी.।

साहित्यिक पत्रिका ‘असिक्नी’ के शुरुआती अंकों का सम्पादन।

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में पिछले कई वर्षों से निरन्तर आलोचनात्मक लेख एवं समीक्षाओं के अतिरिक्त चन्द कहानियाँ और कविताएँ भी प्रकाशित।

एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्यक्रम सम्बन्धी परियोजना सहित शिक्षा सम्बन्धी कार्यशालाएँ एवं लेखन।

सम्प्रति : निदेशक, भारत भारतीय शिक्षा संस्थान, ढालमपुर, कुल्लू, हि.प्र.

ई-मेल : niranjanpratima@gmail.com

Read More
Books by this Author
Back to Top