Sarkari Karalayo Mein Hindi Ka Prayog

Linguistics
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Sarkari Karalayo Mein Hindi Ka Prayog
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प्रस्तुत पुस्तक ‘सरकारी कार्यालयों में हिन्दी का प्रयोग’ तीन भागों में विभाजित किया गया है। पहले भाग में टिप्पण, प्रालेखन, संक्षिप्त लेखन और मुद्रण-फलक-शोधन पर सविस्तार प्रकाश डाला गया है। दूसरे भाग में परिशिष्ट है जिसमें दोषयुक्त और शुद्ध टिप्पणी के नमूने, विभिन्न प्रकार के प्रालेखों के नमूने, संक्षिप्त-लेखन के नमूने, मुद्रण-शोधन के नमूने, कतिपय प्रतिमित प्रालेख, प्रपत्र और सन्देश आदि दिए गए हैं। तीसरे भाग में सरकारी कार्य में व्यवहृत विदेशी भाषाओं के वाक्यांश और उनके हिन्दी पर्याय दिए गए हैं। कहने की आवश्‍यकता नहीं कि यह पुस्तक उपयोगी और राजकीय कार्यों में हिन्दी की प्रगति बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, Ed. 1st
Pages 250p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Editorial Review

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Author: Gopinath Srivastav

गोपीनाथ श्रीवास्‍तव

जन्म : अगस्त, 1919; खैराबाद, उत्तर प्रदेश।

राष्ट्रभाषा हिन्दी के विकास के लिए आजीवन प्रतिबद्ध गोपीनाथ श्रीवास्तव ने विविध कार्यों से भाषा को समृद्ध किया। वे लम्बे समय तक उत्तर प्रदेश सचिवालय में वरिष्ठ भाषा अधिकारी, शिक्षा अधिकारी एवं भाषायी अल्पसंख्यक अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे। इसके अतिरिक्त वह समन्वय समिति, शिक्षा मंत्रालय तथा विशेषज्ञ समिति (शब्दावली), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और हिन्दी शब्दावली उपसमिति, पूर्वोत्तर रेलवे के प्रतिनिधि सदस्य भी रहे।

वे ​​हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, उत्तर प्रदेश के प्रथम निदेशक ​थे। भारतीय बाल साहित्य अकादमी जैसी प्रतिष्ठित संस्था के भी निदेशक रहे।

कृतित्व : कार्यालयों में समस्त कार्य राजभाषा ​हिन्दी में सहज ही निष्पादित हो सके, इस दिशा में उन्होंने श्लाघनीय कार्य किए। कर्मचारियों के मार्ग-निर्देशन हेतु उन्होंने विविध कोशों के साथ ही अनेक पुस्तकें लिखीं।

सम्मान : उन्‍हें विशिष्ट हिन्दी सेवा और उत्कृष्ट कृतियों के लिए ‘राज्य सम्मान’ सहित कई सम्‍मानों से अलंकृत किया गया।

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