Sanskrit Vangmai Kosh : Paribhasha Khand - Purvardh Aur Uttrarth Vols. 1-2

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Sanskrit Vangmai Kosh : Paribhasha Khand
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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 1992
Edition Year 2024, Ed. 3rd
Pages 1085p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 28.5 X 22 X 5
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You're reviewing:Sanskrit Vangmai Kosh : Paribhasha Khand - Purvardh Aur Uttrarth Vols. 1-2
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Author: Sridhar Bhaskar Varnekar

श्रीधर भास्कर वर्णेकर

जन्‍म : 31 जुलाई, 1918; नागपुर।

संस्कृत के विद्वान् तथा राष्ट्रवादी कवि थे। नागपुर विश्‍वविद्यालय में संस्‍कृत के विभागाध्‍यक्ष रहे। जुलाई, 1979 में सेवानिवृत्‍त हुए।

प्रमुख कृतियाँ : 'श्रीशिवपराज्योदयम्' उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध रचना है। यह पुस्तक संघ लोक सेवा आयोग के सिविल सेवा परीक्षा के लिए निर्धारित संस्कृत साहित्य के पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित की गई है। उनकी दूसरी प्रसिद्ध रचना है 'संस्कृत वाङ्मय कोश'। अन्‍य प्रमुख कृतियों में 'भारतरत्नशतकम्' तथा 'स्वातंत्र्यवीरशतकम्' शामिल हैं।

सम्‍मान : ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘राष्ट्रपति पुरस्कार’, ‘कालिदास सम्मान’, ‘सरस्वती सम्मान’।

निधन : 10 अप्रैल, 2000

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