Samachar Patra Prabandhan

Author: Gulab Kothari
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Samachar Patra Prabandhan

आज आम शिकायत यह है कि सम्पादक नाम की संस्था का लोप हो रहा है। जहाँ वह मौजूद है, वहाँ या तो प्रतीकात्मक है या उसके कार्य-अधिकार, विवेक और निर्णय का दायरा घटता जा रहा है। वैश्वीकरण की अदम्य आँधी ने समाचार-पत्रों को भी एक बाज़ार की वस्तु का रूप ग्रहण करने के लिए बाध्य कर दिया है। ऐसी स्थिति में समाचार-पत्रों में प्रबन्धन की महत्ता और महिमा निरन्तर बढ़ती जा रही है।

समाचार-पत्र का एक व्यावसायिक वस्तु बनकर रह जाना दर्दनाक हादसा है। बाज़ारजनित दृष्टिकोण के कारण समाज में समाचार-पत्र के स्थान, सम्मान और विश्वसनीयता में परिवर्तन की प्रक्रिया धीरे-धीरे चल रही है।

इस माहौल में समाचार-पत्र प्रबन्धन के सम्बन्ध में एक ऐसी परिपक्व दृष्टि की ज़रूरत है जो बाज़ार की बढ़ती हुई ताक़त की व्यावहारिक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए उन बुनियादी मूल्यों पर अडिग रहने की कला, दृष्टि और शक्ति दे, जिसके कारण समाचार-पत्रों ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का दर्जा पाया है। पत्रकारिता के पुरोधा गुलाब कोठारी की इस पुस्तक से यह सब मिल सकेगा, ऐसा विश्वास है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2008
Edition Year 2022, Ed. 4th
Pages 128p
Translator Not Selected
Editor Arvind Chaturvedi
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 1.5
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Author: Gulab Kothari

डॉ. गुलाब कोठारी

डॉ. गुलाब कोठारी वर्षों से राजस्थान के अग्रणी दैनिक ‘राजस्थान पत्रिका’ के प्रबन्धन और सम्पादन का कार्य देखते रहे हैं। विज्ञापन और वितरण इनके मूल कार्यक्षेत्र रहे हैं। डॉ. कोठारी ने समाचार प्रबन्धन और पत्रकारिता से सम्बन्धित लगभग सभी महत्त्वपूर्ण पक्षों पर लिखा है। इसके अतिरिक्त फ़ोटो पत्रकारिता पर भी अलग से एक पुस्तक लिखी है।

श्री कोठारी इंडियन न्यूज़ पेपर सोसायटी के क्रिया-कलापों से भी निरन्तर जुड़े हुए हैं। अत: समाचार प्रबन्धन के क्षेत्र में वे अपनी गहरी पैठ रखते हैं और इस विषय पर साधिकार लिखते हैं।

वर्ष 2020 में उन्‍हें जयपुर प्रवासी संघ की ओर से मुम्‍बई में ‘लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्‍मानित किया गया।

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