कुछ अनसुलझे सवाल आदमी के मनो-मस्तिष्क में इतनी मज़बूती से जड़ें जमाए रखते हैं कि उनका हल हमारे सामने होता है लेकिन हम करते नहीं, कर नहीं पाते या हम करना नहीं चाहते और लगे रहते हैं एक अन्तहीन उधेड़बुन में।
हमारा जीवन रिश्तों में बँधा होता है लेकिन जीवन की मौजूदा चुनौतियों और तनावों के चलते रिश्तों को निभाना आज बहुत ही दुष्कर हो गया है।
‘रेखाओं में रुका आकाश’ हमारे अतीत और वर्तमान का कोरा सच है। यथार्थ से जुड़ी हुई ये वो कहानियाँ हैं, जिन्हें हम जीने के लिए अभिशप्त हैं।
इन कहानियों में मनुष्य का जीवन, मन, आशा, निराशा सब कुछ है। प्रेम और व्यक्ति के जीवन में उसकी विभिन्न छायाओं, प्रतिच्छायाओं का अंकन करती हुई ये कहानियाँ हमारी संवेदना को एक नया आकार देती हैं। पात्रों का चयन, भाषा और कहने की शैली का अनूठापन भी इन कहानियों की एक विशेषता है।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Publication Year | 2008 |
Edition Year | 2008, Ed. 1st |
Pages | 163p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Radhakrishna Prakashan |
Dimensions | 22.5 X 14.5 X 1.5 |