Pighalti Dhoop Mein Saye

Author: Amar Kushwaha
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Pighalti Dhoop Mein Saye

यह उपन्यास उस युवा वर्ग पर आधारित है जिसने ग्रामीण परिवेश के निम्न मध्यवर्गीय परिवार में संक्रमण के दौर में जन्म लिया और तेज़ी से बढ़ रहे भूमंडलीकरण के कारण बड़े सपने देखने लगा।

उत्तर भारत के राज्यों में आज भी 'बड़े सपने' का मतलब केवल 'भारतीय प्रशासनिक सेवा' में चयन होना है, ऐसा कहना बिलकुल भी ग़लत नहीं होगा। और इसी स्वप्न को पूरा करने की चाह में यह युवा वर्ग इस स्वप्न में इतना डूब जाता है कि कभी-कभी तो वह अपनी स्वयं की पहचान तक भूलने को विवश हो जाता है। वह मनुष्य न होकर मशीन जैसा होने लगता है और चयन के बाद संघर्ष के पथ में बिखरे अनेक क्षणों को बस देखता-सा रह जाता है।

यह कहानी एक ऐसे ही नायक की है, जो एक स्वप्न की पूर्ति के लिए कितने ही सपनों को तिलांजलि दे देता है, यहाँ तक कि अपने अन्तर्मन से भी कट जाता है।

टूटता घर, एकाकीपन, बेरोज़गारी, पारिवारिक महत्त्वाकांक्षा और ‘एक बड़े स्वप्न के बीच के मानसिक द्वन्द्व का चित्रण इस उपन्यास के महत्त्वपूर्ण पक्ष को दर्शाता है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 192p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Amar Kushwaha

Author: Amar Kushwaha

अमर कुशवाहा

जन्म : उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर ज़िले की बाँसी तहसील के ‘गोरी’ नामक एक छोटे से ग्राम में 1 जनवरी, 1985 को।

शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा पास के गाँव ‘जोगिया बुज़ुर्ग' में स्थित सरकारी विद्यालय में हुई। फिर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर से स्नातक।

सिविल सर्विस परीक्षा—2011 में इतिहास और हिन्दी साहित्य विषय लेकर ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ (IAS) में चयन।

मसूरी स्थित 'लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशिक्षण अकादमी’ से प्रशिक्षण उपरान्त तमिलनाडु के विरुदुनगर ज़िले के ‘शिवकाशी’ राजस्व प्रभाग में ‘सब-कलेक्टर’ पद पर सितम्बर 2014 में नियुक्ति। ज़िलाधिकारी, तिरुपत्तूर जनपद, तमिलनाडु।

सम्प्रति : तमिलनाडु के नीलगिरी ज़िले के मुख्यालय ऊटी में ‘परियोजना निदेशक, पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ के पद पर भी कार्यरत रहे।

ई-मेल : amar.kushwaha007@gmail.com

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