Nagarjun Ka Gadya Sahitya

Author: Ashutosh Rai
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Nagarjun Ka Gadya Sahitya

नागार्जुन के व्यक्तित्व, विचार और कृतित्व का परिचय देते हुए लेखक ने उनके अभावग्रस्त जीवन, पारिवारिक स्थिति और अनवरत संघर्ष को जिस तरह रेखांकित किया है, उससे स्पष्ट हो जाता है कि आरम्भ से ही वे संघर्षों के बीच रास्ता तलाशनेवाले प्राणी एवं लेखक रहे हैं। उनकी मस्ती, व्यंग्य एवं यायावरी एक तरह से उनकी जिजीविषा के प्राण रहे हैं।...

आशुतोष जी ने नागार्जुन की औपन्यासिक कला पर भी ध्यान आकर्षित किया है और उनकी आत्मकथात्मक एवं वर्णन शैली पर प्रकाश डाला है तथा हल देने की उनकी ललक के कारण आई शिल्पगत लचरता को भी रेखांकित किया है।

संक्षेप में ही सही बाबा की कहानियों, निबन्धों, संस्मरणों, यात्रावृत्त, डायरी, नाटक और आलोचना जैसी गद्य-विधाओं पर गहराई से विचार करते हुए आलोचनात्मक टिप्पणियाँ की हैं, जो सार्थक हैं तथा लेखक की तटस्थ पैनी समीक्षा-दृष्टि को आलोकित करती हैं। इस प्रकार नागार्जुन के गद्य साहित्य की समस्त विधाओं की पड़ताल करने के लिए लेखक का लेखकीय प्रयास मुकम्मल और कामयाब है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2006
Edition Year 2011, Ed. 2nd
Pages 231p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Ashutosh Rai

Author: Ashutosh Rai

आशुतोष राय

जन्म : 18 फरवरी, 1976; ग्राम—पकड़ीखुर्द, पोस्ट—पकड़ी बुजुर्ग, मऊ, यू.पी.
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी ), दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर और
पीएच.डी. काशी विद्यापीठ, वाराणसी से।

कृति : ‘नागार्जुन का गद्य-साहित्य’।

 

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