Mahila Adhikar

Author: Mamta Mehrotra
Edition: 2023, Ed. 3rd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Mahila Adhikar
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यह समय ‘अस्मिता विमर्श’ का है। विमर्श सचेत करते हैं अधिकारों और दायित्वों के प्रति। विभिन्न स्तरों पर जारी ‘स्त्री विमर्श’ ने स्त्रियों से जुड़े अनेक सवालों को मुखर और प्रखर किया है। स्त्रियाँ स्वतंत्रता, सम्मान, समता और सहभागिता के लिए निरन्तर संघर्ष कर रही हैं। इस सन्दर्भ में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि भारत के संविधान ने महिलाओं को कौन-कौन से अधिकार दिए हैं। 'महिला सशक्तिकरण' को सच करते हुए क़ानून ने महिलाओं को क्या-क्या शक्तियाँ प्रदान की हैं। ज़ाहिर है कि इस लोकतंत्र में महिलाएँ यदि अपने अधिकारों को भली प्रकार जान जाएँ तो उनके 'अस्तित्व' का संघर्ष सरल और सकारात्मक हो जाएगा।

‘महिला अधिकार’ पुस्तक में ममता मेहरोत्रा ने मानवाधिकार को विश्व पटल पर रखकर स्त्री-प्रश्नों का विवेचन किया है। बीजिंग घोषणा-पत्र, वियना सम्मेलन—1993, भारतीय विधि आयोग की इक्कीसवीं रिपोर्ट के ज़रिए महिला अधिकारों के प्रति सामाजिक-वैधानिक सतर्कता का जायजा लिया गया है।

सती प्रथा, डायन, विज्ञापन, मातृत्व, द्विविवाह, दहेज आदि पक्षों पर तर्कपूर्ण विचार करते हुए लेखिका ने इनके अनेक पक्षों का वर्णन किया है, विशेषत: क़ानूनी पक्ष का। पुस्तक की भाषा प्रवाहपूर्ण है, इसलिए पठनीयता भरपूर है। सचेत और सशक्त करती एक ज़रूरी किताब।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2014
Edition Year 2023, Ed. 3rd
Pages 124p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 1
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Mamta Mehrotra

Author: Mamta Mehrotra

ममता मेहरोत्रा

जन्म : 6 अक्टूबर, 1969; लखनऊ (उत्तर प्रदेश)।

शिक्षा : एम.एससी. जीवविज्ञान (लखनऊ विश्वविद्यालय)।

प्रकाशित पुस्तकें : ‘अपना घर’, ‘रफ़्तार’ (उर्दू), ‘सफ़र’, ‘धुआँ धुआँ है ज़िन्दगी’, ‘ढपोरशंख’, ‘राइट टू एजूकेशन’, ‘जेंडर इनइक्विलिटी’, ‘महिला अधिकार और मानवाधिकार’, ‘निर्भया कांड से सम्बन्धित आलेखों का एक संग्रह’।

अन्य : सूचना अधिकार पर केन्द्रित मासिक पत्रिका ‘ख़बर पालिका’ की सम्पादक; द्वैमासिक पत्रिका ‘सामयिक परिवेश’ की सम्पादक; ‘सूर्य महिला कोषांग—2002’ में सलाहकार तथा सह-संयोजक; महिला अधिकारों के लिए सामाजिक कार्य; मानसिक रूप से मन्दबुद्धि तथा बधिर लोगों के लिए प्रशिक्षक; वृत्तचित्रों में पटकथा लेखन तथा बीआईपीएआरडी और एससीईआरटी बिहार से सम्बद्ध।

सम्प्रति : प्राचार्य, डीएवी आईजीआईएमएस।

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