Madhyakaleen Sant Kavi

Author: Naveen Nandwana
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Madhyakaleen Sant Kavi
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मध्यकालीन भक्ति आन्दोलन का स्वरूप अखिल भारतीय था। देश के अलग-अलग प्रान्तों और क्षेत्रों में सगुण भक्ति के साथ-साथ निर्गुणी संतों ने अपनी वाणियों के माध्यम से ईश्वर का गुणगान किया। वहीं दूसरी ओर तत्कालीन समाज और धर्म में विद्यमान रूढ़ियों, कुरीतियों और बुराइयों पर करारी चोट की। इन संतों ने एक ओर मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा का व्यापक प्रयास किया तो वहीं दूसरी ओर ऊँच-नीच, जाति-पाँति, छुआछूत और आडम्बरों के खिलाफ सशक्त आवाज उठाई।

उत्तर भारत में एक ओर जहाँ कबीर, रैदास, दादूदयाल और सुन्दरदास आदि संतों ने ईश्वर भक्ति का भाव जगाकर तत्कालीन समाज को दिशा दी, देश के विभिन्न प्रान्तों में अन्य संतों ने भी अपना अहम योगदान दिया। महाराष्ट्र के वारकरी और महानुभाव सम्प्रदाय के संतों ने भी भक्ति और सुधार की अलख जगाई, असम में शंकरदेव ने ज्ञान और भक्ति की अलख जगाई। राजस्थान में दादूदयाल और दादूपन्थ के संतों ने महनीय कार्य किया। राजस्थान की महिला संतों—दयाबाई और सहजो बाई ने भी ईश्वर भक्ति का गुणगान किया।

संत साहित्य मानव धर्म का साहित्य है। यह संसार के सभी मनुष्यों को ईश्वर की सृष्टि मानता है। अतः जाति आधारित भेदभावों का यहाँ कोई स्थान नहीं है। ...संत साहित्य सरलता एवं सहजता का साहित्य है। सभी संतों ने धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में व्याप्त रूढ़ियों एवं आडम्बरों का विरोध किया।

‘मध्यकालीन संत कवि’ पुस्तक में संत मत पर विचार होने के साथ-साथ मध्यकालीन संतों का स्मरण है। पुस्तक में संकलित आलेख संतों के जीवन पर प्रकाश डालने के साथ-साथ उनकी रचनाओं के वैशिष्ट्य का भी वर्णन करते हैं। विविध संतों पर केन्द्रित आलेख मध्यकालीन निर्गुण भक्ति साधना की परम्परा को समझाने में अपनी महती भूमिका रखते हैं।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 248p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Naveen Nandwana

Author: Naveen Nandwana

डॉ. नवीन नन्दवाना

जन्म : 22 जुलाई, 1977

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी एवं इतिहास), पी-एच.डी., स्लेट, बी.एड., बी.जे.एम.सी.

प्रकाशित पुस्तकें : रचनाकार धर्मवीर भारती : एक पुनर्मूल्यांकन, संत दादूदयाल : जीवन और साहित्य, हिन्दी कविता : समय का शाब्दिक दस्तावेज, काव्यांग प्रभा, छायावाद : एक पुनर्विचार, आधुनिक कविता : धार एवं धरातल, समकालीन हिन्दी कविता : विविध सन्दर्भ, समकालीन हिन्दी नाटक : समय और संवेदना, नई सदी का साहित्य : चिन्तन और चुनौतियाँ, ध्वनि सिद्धांत : एक नया मूल्यांकन, आदिवासी समाज, संस्कृति और साहित्य, हिन्दी व्याकरण एवं रचना प्रबोध (माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के लिए लेखन), साहित्य, कला एवं संस्कृति के उन्नयन में मीडिया का योगदान, आधुनिक काव्यधारा, निबन्ध स्तबक, 21वीं सदी का हिन्दी उपन्यास, काव्य कुंज।

शोध पत्रिका : ‘समवेत’ नामक अर्द्धवार्षिक शोध पत्रिका का संपादन।

अन्य : विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में शोध आलेख, कविता और कहानी प्रकाशन। शताधिक व्याख्यान एवं शोध पत्र प्रस्तुति।

सम्मान : श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय सम्मान, नाना भाई खाँट शिक्षक गौरव सम्मान, श्रीमती सरबती देवी गिरधारीलाल सिहाग साहित्य सम्मान, विश्व हिन्दी सेवी सम्मान, तुलसी विश्व सम्मान।

सम्प्रति : सह आचार्य, हिन्दी विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.) 313001

ई-मेल : nandwana.nk@mlsu.ac.in

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