उनका बचपन और जवानी का अधिकतर समय लखनऊ में बीता। उन्होंने 1944 में ग्रेजुएशन और 1946 में राजनीति में एम.ए. किया। 1950 में वे पाकिस्तान चले गए। 1952 में सुरैया बेगम से शादी की। जीवन का एक बड़ा भाग अख़बारों में बीता। 1954 में दैनिक ‘टाइम्स ऑफ़ कराची’ से पत्रकार के रूप में जीवन का आरम्भ किया। फिर उर्दू रोज़नामा ‘अंजाम’ और ‘रोज़ाना मुसावत’ के चीफ़ एडिटर रहे, किन्तु 1984 में बदलती राजनीति की करवट से इतने परेशान हुए कि पत्रकारिता से तौबा कर ली।
प्रमुख कृतियाँ : उपन्यास—‘ख़ुदा की बस्ती’ और ‘जांगलूस’—वृहत् उपन्यास, जो कि तीन खंडों में प्रकाशित हुआ। इन दोनों उपन्यासों को पाकिस्तान टी.वी. ने टी.वी. सीरियल रूप में प्रदर्शित किया।
कथा-संकलन—‘तीसरा आदमी’ (1952); ‘अँधेरा और अँधेरा’ (1955); ‘रातों का शहर’ (1956); ‘कीमियागर’ (1984)