Keval Daliton Ke Masiha Nahi Hain Ambedkar

Edition: 2023, Ed. 4th
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Keval Daliton Ke Masiha Nahi Hain Ambedkar

बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर ने सदियों से सभी तरह के अधिकार एवं सुविधा से वंचित जनसमूहों में यदि चेतना का संचार किया और उन्हें शिक्षित, संगठित होकर संघर्ष करने का मार्ग बताया तो यह उनका दलित-प्रेम नहीं; बल्कि सभी मूल, कुल, वंश, जाति, गोत्र, नस्ल, सम्प्रदाय, वर्ग, वर्ण के अधिकार-वंचितों की सच्ची सेवा का दुर्लभ उदाहरण है। सुविधा तथा अधिकार-वंचित मात्र दलित ही नहीं हैं, वे भी हैं जिनकी उन्नति तथा समृद्धि के सभी मुहानों को उद्धारक कहलाने वाले मायावी मानवों ने अवरुद्ध कर रखा है। इस पुस्तक का प्रणयन डॉ. अम्बेडकर के इन्हीं अवदानों को रेखांकित करने के लिए किया गया है।

श्रम-समस्या, नारी-उत्थान, धर्म, सामाजिक न्याय, उद्योग, कृषि, मानव-संसाधन, जल-संसाधन, बीमा उद्योग, मद्यनिषेध, शिक्षा, लोकतंत्र, कार्यपालिका, न्यायपालिका, व्यवस्थापिका, संघीय शासन प्रणाली, भाषायी प्रान्त और राष्ट्रभाषा आदि विषयों पर डॉ. अम्बेडकर के चिन्तन तथा सिद्धान्त आज भी प्रासंगिक हैं।

पुस्तक में इन विषयों के सन्दर्भ में उनके विचारों पर सविस्तार विचार किया गया है जिससे स्पष्ट होता है कि बाबा साहब के विचार समष्टिभावी हैं, व्यष्टिभावी नहीं।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2011
Edition Year 2023, Ed. 4th
Pages 208p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Author: Sukan Paswan Pragyachakshu

सुकन पासवान प्रज्ञाचक्षु

जन्म : 18 जनवरी, 1957; ग्राम—साँढ़ाडम्बर, पोस्‍ट एवं थाना—मोतीपुर, ज़िला—मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार।

शिक्षा : एम.ए. (अर्थशास्त्र), एम.ए. (हिन्दी), पीएच.डी., डी.लिट्. (अर्थशास्त्र), एल.एल.बी.।

प्रतुख कृतियाँ : ‘स्मृति दंश’, ‘टुकड़ा-टुकड़ा आकाश’, ‘अछूत’, सं. : ‘इक्कीसवीं सदी की कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह); ‘ना बाँटिए कबीर को’ (हिन्दी साहित्य का आलोचना ग्रन्थ); ‘भारतरत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर : दृष्टि और सृष्टि’ (अर्थशास्त्र एवं समाजशास्त्र का संयुक्त संकलन); ‘सामाजिक सह-अस्तित्व का सिद्धान्त’, ‘परकटे पक्षी का आकाश’, ‘सामाजिक प्राणी नहीं है आदमी’ (समाजशास्त्र एवं इतिहास); ‘उपासना, साधना और समाधि’ (दर्शनशास्त्र); ‘प्रेम बिना जग सूना’, ‘सत्यम् शिवम् सुन्दरम्’ (आध्यात्मिक ग्रंथ); ‘अष्टकमल’ (आठ विधाओं का संकलन) आदि।

सम्मान : डी.लिट्. के लिए शोध-ग्रंथ ‘भारतरत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर : दृष्टि एवं सृष्टि’ पर राजभाषा विभाग, बिहार सरकार द्वारा ‘डॉ. भीमराव अम्बेडकर पुरस्कार’, भारतीय दलित साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली द्वारा ‘डॉ. भीमराव अम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार’, ‘दिनकर जनपदीय सम्मान’, ‘नूनू सिंह पुरस्कार’, बिहार ग्रंथ अकादमी और विशेष पुलिस सेवा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्‍मानित।

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