Jindagi Ki Pich Par

‘ज़िन्दगी की पिच पर’ जीवन-प्रबन्धन की तार्किक और सुरुचिपूर्ण पुस्तक है। जीवन का प्रबन्धन अनेक छोटी-छोटी बातों से होता है। अध्ययन के उपरान्त विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करनेवाले व्यक्तियों के लिए अनुभवी लेखक विजय चितले ने इस पुस्तक की रचना की है।
लेखक का मानना है कि यदि निर्णय लेना, सन्देश वाहन, प्रेरणा, संघर्ष का हल, उत्पादक कार्य, समय प्रबन्धन आदि विषयों को लेकर विद्यार्थियों के भीतर बुनियादी समझ विकसित हो सके तो आगे की राह सुगम व सफल हो जाएगी।
पुस्तक के हर अध्याय में एक केन्द्रीय विचार है। विचार का वर्णन काव्यात्मक शैली में है जो सीधे हृदय में उतर जाता है। आज के व्यस्त और स्पर्धा से भरे समय में जीने की कला सिखलाती एक सरल और विरल पुस्तक।
Language | Hindi |
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Format | Paper Back |
Publication Year | 2013 |
Edition Year | 2013, Ed. 1st |
Pages | 128p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Radhakrishna Prakashan |
Dimensions | 21.5 X 14 X 1 |
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