Jansampark Ke Vividh Ayam

Edition: 2019, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Jansampark Ke Vividh Ayam
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प्रस्तुत पुस्तक में जनसम्पर्क की परिचयात्मक अवधारणा एवं विकास के साथ-साथ सैद्धान्तिक पक्ष पर भी प्रकाश डाला गया है। जनसम्पर्क की सबसे महत्त्वपूर्ण कड़ी जनसम्पर्क के ‘जन’ होते हैं। पुस्तक में जनसम्पर्क जनों को विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में जनसम्पर्क की संगठनात्मक संरचना पर भी प्रकाश डाला गया है। जनसम्पर्क के उपकरणों के प्रभावी उपयोग को भी पुस्तक में समाहित किया गया है। जनसम्पर्क के महत्‍त्‍वपूर्ण उपकरण विज्ञापन को भी पृथक् अध्यायों में स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। विदेशों में हो रही जनसम्पर्क गतिविधियों को भी रेखांकित किया गया है। पारस्परिक विधाओं के साथ-साथ सोशल मीडिया जैसे आधुनिक माध्यमों को जनसम्पर्क हेतु उपयोग करने के विभिन्न तरीक़ों का भी इस पुस्तक में समावेश किया गया है, इसके साथ-साथ कुछ प्रमुख केस स्टडी एवं जनसम्पर्क में प्रयुक्त होनेवाली शब्दावलियों के माध्यम से भी जनसम्पर्क गतिविधियों को समझने का प्रयास है।

जनसम्पर्क के क्षेत्र में रुचि रखनेवाले पाठकों के लिए एक उत्कृष्ट पुस्तक हिन्दी भाषा में उपलब्ध हो रही है। मैं पूर्ण विश्वास से कह सकता हूँ कि यह पुस्तक सुधी पाठकों को जनसम्पर्क का सम्पूर्ण परिचय देने के साथ-साथ जनसम्पर्क के कौशलों को सिखाने में सहायक सिद्ध होगी।

—प्राक्‍कथन से

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, Ed. 1st
Pages 143p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
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Pavitra Shrivastva and C.K. Sardana

Author: Pavitra Shrivastva and C.K. Sardana

पवित्र श्रीवास्तव

प्रो. पवित्र श्रीवास्तव विगत 20 वर्षों से पत्रकारिता एवं जनसंचार शिक्षण में सक्रिय हैं। जनसंचार में पीएच.डी. की उपाधि। पत्रकारिता एवं जनसंचार के क्षेत्र में प्रतिष्ठित शोध पत्रिका ‘मीडिया मीमांसा’ के सम्‍पादक व ‘पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी एवं भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन’ के सक्रिय सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। देश-विदेश के जनसंचार विषयों पर शोध प्रस्तुतियों के साथ-साथ आप टेलीविज़न एवं रेडियों में विविध विषयों पर प्रस्तुतियाँ देते रहे हैं। राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्राध्यापक एवं विज्ञापन एवं जनसम्पर्क विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत होने के साथ डीन, अकादमिक हैं।

 

 

सी.के. सरदाना

प्रो. सी.के. सरदाना देश के श्रेष्ठ जनसंचार विशेषज्ञों में से एक हैं। आपने ‘भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड’ (भेल), भोपाल में सन् 1962 में जनसम्पर्क अधिकारी के पद से अपना करियर शुरू किया।

आप माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के जनसम्‍पर्क, विज्ञापन एवं प्रबन्‍धन संकाय के सदस्य रहे। देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में जनसंचार एवं जनसम्‍पर्क विषय का अध्यापन किया। अमरीका, चीन, मलेशिया, थाइलैंड, फिलीपींस, इराक़ एवं नेपाल जैसे देशों की यात्राएँ भी कीं। 1993 में ‘महाप्रबन्‍धक (कार्पोरेट संचार) भेल मुख्यालय’, नई दिल्ली के पद से सेवानिवृत्त हुए।

 

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