Hindi Sahitya : Ek Saral Parichay

इतिहास ग्रन्थों के अतिरिक्त हिन्दी साहित्य के विभिन्न कालखंडों, काल-रूपों और धाराओं पर अनेक शोध-प्रबन्ध एवं समीक्षात्मक ग्रन्थ प्रकाश में आए हैं।
इनमें साहित्य के अनेक अज्ञात तथ्यों और अनिर्णीत प्रश्नों को नवीन दृष्टिकोण से नवालोक में प्रस्तुत किया गया है, किन्तु हिन्दी अनुसन्धान-जगत के इन नवीन निष्कर्षों और परिणामों का अतीव सतर्कतापूर्वक समन्वय एवं समाहितीकरण इतिहास-लेखन की दिशा में अभी शेष है। अतः नवीन शोध-परिणामों और विकसित साहित्य-चेतना के आलोक में हिन्दी साहित्य के इतिहास का पुनर्गठन और लेखन आवश्यक है।
निस्सन्देह आज हिन्दी साहित्य के इतिहास में सम्बन्धित शताब्दिक पुस्तकें उपलब्ध हैं, किन्तु अभी तक इस दिशा में उचित व सन्तोषजनक प्रगति नहीं हुई है। हमने उस अभाव को दृष्टि में रखकर इस ग्रन्थ का प्रणयन किया है।
Language | Hindi |
---|---|
Format | Hard Back, Paper Back |
Publication Year | 2020 |
Edition Year | 2020, Ed. 1st |
Pages | 216p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Lokbharti Prakashan |
Dimensions | 22 X 14 X 2 |
It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here