Greece Ke Trasad Natak

Author: Kamal Naseem
Edition: 2021 Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Greece Ke Trasad Natak

पाँचवीं शताब्दी ई.पू. ग्रीस के 31 क्लासिकल त्रासद नाटकों का संक्षिप्त हिन्दी कथा-रूपान्तरण केवल उन रचनाओं का संक्षिप्त रूपान्तर नहीं, ये छोटी-छोटी खिड़कियाँ और झरोखे हैं जो आपको आज से दो हज़ार पाँच सौ वर्ष पहले की ग्रीक सभ्यता और संस्कृति के ऐसे भव्य संसार में ले जाएँगे, जहाँ देश और काल की सीमाएँ अपने आप ही तिरोहित हो जाती हैं। कास्ट्यूम और मुखौटे अपनी सादगी और रंगीनी में एक ऐसे ‘लार्जर दैन लाइफ़’ पात्रों का संसार रच देते हैं, जहाँ बिना किसी दृश्य और श्रव्य तकनीक के वायुमंडल में बहती आवाज़ें आपके अस्तित्व को अभिभूत कर लेती हैं...। आप सम्मोहित से आगे बढ़ते जाते हैं...एक-एक कर वितान खुलते जाते हैं...और आप देखते हैं ग्रीक महानायकों की बृहद् कर्मभूमि, आकाश को छूती महत्त्वाकांक्षाएँ, मन को छूती करुणा; दिव्य तेज और साहस के कारनामे, दैन्य की पराकाष्ठा; युद्ध का भयावह रक्तपात और नरसंहार, माँओं, बहनों और दासियों का दिल दहलानेवाला चीत्कार; अनैतिकता के गर्हित कर्म और कर्तव्य के लिए प्राण निछावर करने का आत्मबल और धर्म; अहम् और स्वार्थ का कुचक्र, संवेगों का संघर्ष; कोमल आत्मीयता का क्रूर मर्दन और सम्बन्धों पर मर मिटने को तत्पर जीवन—सभी कुछ तो है यहाँ। किन्तु ये केवल झलकियाँ हैं जो निश्चय ही आपको ग्रीक पुराकथाओं और नाटक के समग्र संसार की ओर जाने को अभिप्रेरित करेंगी।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2021 Ed. 2nd
Pages 188p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Author: Kamal Naseem

कमल नसीम

डॉ. कमल नसीम ने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए. किया और वहीं से लॉर्ड बायरन के स्त्री पात्रों पर सन् 1991 में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। आपकी पहली पुस्तक ‘ग्रीस पुराण कथाकोश’ सन् 1983 में प्रकाशित हुई और इसे हिन्दी अकादमी (दिल्ली) ने सन् 1983-84 के ‘सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक कृति’ पुरस्कार से सम्मानित किया। ‘उर्दू साहित्य कोश’ का प्रकाशन सन् 1988 में और ‘बृहद् उर्दू साहित्य कोश’ का 2002 में। ग्रीक नाटककार सोफ़ाक्लीज़ के तीन नाटकों—‘राजा ईडिपस’, ‘ईडिपस एट कोलोनस’ एवं ‘एंटीगनी’—का हिन्दी अनुवाद सन् 2000 में साहित्य अकादेमी से प्रकाशित और ‘ग्रीक नाट्य कलाकोश’ सन् 2004 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से।

आपने भारतीय विश्वविद्यालयों में अंग्रेज़ी साहित्य और भाषाविज्ञान पर पिछले पचास वर्षों में हुए शोधकार्यों के सन्दर्भ-ग्रन्थ ‘Indian Doctoral Dissertations in English Studies : A reference guide’ का सह-सम्पादन किया जो सन् 2000 में प्रकाशित। बच्चों के लिए कविता-संग्रह ‘सोचो क्या होता’ वर्ष 2002 में प्रकाशित। सुप्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक गुलज़ार की चार फ़िल्मों ‘आँधी’, ‘ख़ुशबू’, ‘लिबास’ और ‘हू तू तू’ की पटकथाओं के हिन्दी लिप्यन्‍तरण 2005-06 में प्रकाशित। अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के सात प्रतिनिधि शायरों के कलाम आपके द्वारा सम्पादित संकलन ‘सतरंग’ शीर्षक से सन् 2007 में और पाकिस्तानी शायरा ज़ोहरा निगाह की शायरी का सम्पादित हिन्दी संस्करण ‘शाम का पहला तारा’ सन् 2010 में प्रकाशित। हिन्दी और अंग्रेज़ी पत्रिकाओं में आपके लेखों का निरन्तर प्रकाशन।

इसके अलावा लगभग दस वर्ष तक दूरदर्शन (दिल्ली) पर महिलाओं के कार्यक्रम ‘घर-बाहर’ का संचालन, कुछ वर्षों तक समाचार-वाचन, अनेक वृत्त-चित्रों के आलेख लिखे और उन्हें अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड किया।

सम्प्रति : दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामाप्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग में एसोशिएट प्रोफ़ेसर।

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