Gayasur Sandhan

Author: Vikas Kumar Jha
As low as ₹179.10 Regular Price ₹199.00
You Save 10%
In stock
Only %1 left
SKU
Gayasur Sandhan
- +

विश्व आस्था के जुड़वाँ नगर गया-बोधगया पर केन्द्रित 'गयासुर संधान’ कथ्य और शैली में युगान्तरकारी ध्वनि का एक ऐसा उपन्यास है जिसमें कल्पना, इतिहास, लोककथा, दन्तकथा, मिथक और यथार्थ का अद्भुत रोमांचक मिश्रण है। रहस्यमय और संक्रामक!

'गयासुर संधान’ की कथा बताती है कि अनैतिक कामनाएँ-एषणाएँ अन्तत: कैसे भस्म होती हैं। गयासुर के शरीर पर बसे होने की मान्यतावाली इस प्राचीन नगरी में सदैव से यह अटल आस्था है कि कामनामुक्त व्यक्ति के लिए ही यहाँ आश्रय है। अनर्गल कामना का परिताप, बन्धन और व्यसन इस जुड़वाँ नगरी को सहन नहीं। गया के कण-कण में इहकाल-परकाल और जन्म-जन्मान्तर का महाशून्य अपने परम औघड़ भाव में विन्यस्त है।

भारत की पौराणिक आख्यायिका, परम्परा, संस्कार, दर्शन और चिन्तन के अर्क से निर्मित 'गयासुर संधान’ एक ऐसी गहन कृति है, जो स्वदेशानुराग की महागाथा के संग-संग मनुष्य के लिए रोमांचक सत्यार्थ प्रकाश है।

 

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 192p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Write Your Own Review
You're reviewing:Gayasur Sandhan
Your Rating
Vikas Kumar Jha

Author: Vikas Kumar Jha

विकास कुमार झा

देश की हिन्दी पत्रकारिता के एक समर्थ हस्ताक्षर।

मर्मस्पर्शी उपन्यास ‘मैकलुस्‍कीगंज’ (‘कथा यू.के. पुरस्‍कार’ से सम्‍मानित), ‘वर्षावन की रूपकथा’ और ‘गयासुर संधान’।

बहुचर्चित पुस्तक : ‘बिहार राजनीति का अपराधीकरण’।

राजनीतिक दस्तावेज़ : ‘सत्ता के सूत्रधार’।

संग्रहणीय कविता-संग्रह : ‘इस बारिश में’।

बिहार के बांग्ला-भाषियों के जीवन पर बांग्ला में प्रकाशित चर्चित पुस्तक : ‘परिचय-पत्र’।

मैथिली में मंचित-चर्चित नाटक : ‘जमपुत्र’ तथा ‘सोनमछरिया’।

बिहार की मुक्तिकामी-जनता के संघर्ष में सदैव सक्रिय रचनात्मक हिस्सेदारी।

 

 

Read More
Books by this Author
Back to Top