“बचे खुचे एंग्लो-इंडियन लोगों की मौत के साथ यह गाँव भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
मि. मैकलुस्की के सपनों का कब्रिस्तान...। एंग्लो-इंडियंस के दर्दनाक इतिहास की कहानी कहता एक बेपनाह सन्नाटा भर रह जाएगा यहाँ...। उस दर्द को आनेवाले समय में कौन महसूस करेगा?” मि. मिलर की आवाज़ अँधेरे में डूब रही है।
रॉबिन को लगा, इस गाँव की चौहद्दी के भीतर की धरती ज़ोरों से धड़क रही है। महसूस कर रहा है वह, इसकी तेज़ धड़कन को। मनुष्य मूर्च्छित हो सकता है, संज्ञाशून्य हो सकता है, उसके विचार विक्षिप्त हो सकते हैं, पर धरती...मातृभूमि कभी मूर्च्छित...संज्ञाशून्य और विक्षिप्त नहीं हो सकती। इसका अनुराग...प्यार-भरी गुनगुनी-सी मीठी उष्मा, धड़कती रहेगी अनन्त काल तक।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back, Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Edition Year | 2019, Ed. 2nd |
Pages | 534p |
Publisher | Rajkamal Prakashan |