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Ek Mutthi Ret

Author: Veena Sinha
Edition: 2014, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Ek Mutthi Ret

वीणा सिन्हा की कहानियों में स्त्री-लेखन की पहचान बन चुकी सभी विशेषताएँ हैं, फिर भी उनके सरोकारों को सिर्फ़ स्त्री-लेखन के दायरे में रखकर नहीं परखा जा सकता। उनकी लेखनी स्त्री के बहाने समाज के एक बड़े कैनवस पर चलती है। शहरी मध्यवर्ग से लेकर खाँटी ग्रामीण परिवेश तक को उन्होंने समान कौशल के साथ अंकित किया है। इससे भी महत्त्वपूर्ण विशेषता अपने पात्रों के अन्तस में झाँकने की उनकी क्षमता है जिसके चलते छोटे-छोटे कथानक भी बड़े अनुभव-संसार के वाहक बन जाते हैं।

इस संग्रह में शामिल सभी कहानियाँ इस बात की गवाह हैं कि वीणा सिन्हा अपने पात्रों को गढ़ती नहीं हैं, वे अपने आसपास की दुनिया में उनकी तलाश करती हैं और फिर उनके मन की गुफाओं को खोलती हैं। इन कहानियों को समकालीन भारतीय स्त्री के जीवन की प्रतिनिधि कहानियों के रूप में भी चिन्हित किया जा सकता है और भारतीय जीवन-दृष्टि को अभिव्यक्ति देनेवाली गाथाओं के रूप में भी।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2014
Edition Year 2014, Ed. 1st
Pages 108p
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
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Veena Sinha

Author: Veena Sinha

वीणा सिन्हा

जन्म : सन् 1940 वाराणसी।

अपने को व्यक्त करने के लिए किसी-न-किसी माध्यम का चुनाव हर व्यक्ति करता है। आपने लिखने को अपना माध्यम चुना। आरम्भ ही कहानियों के लेखन से हुआ। दर्जनों कहानियाँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित, कुछ कहानियों का बांग्ला में अनुवाद भी हुआ है।

रेडियो के लिए कुछ नाटक भी लिखे हैं। 'आधुनिका’ और 'अन्तर्यात्रा’ शीर्षक दो उपन्यास भी छप चुके हैं। राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित आपके 'स्मृति गंध’ कहानी-संग्रह की कुछ कहानियों पर विश्वविद्यालय की छात्राओं ने शोध भी किया है।

प्राग, बर्लिन, वारसा, मास्को आदि की यात्रा और विभिन्न सांस्कृतिक बैठकों में आप भागीदारी कर चुकी हैं। आपने लन्दन, पेरिस एवं रोम की यात्रा भी की है।

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