Dasht Mein Dariya

Author: Sheen Kaf Nizam
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Dasht Mein Dariya
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निज़ाम साहब का काव्य मैंने पढ़ा भी है उनके गहन-गम्भीर स्वर में सुना भी और इस अनुभव से बार-बार आप्यायित हुआ हूँ।

निज़ाम साहब की कविताएँ मुझे सबसे पहले इसीलिए आकृष्ट करती हैं कि वे भारतीय रचनाएँ हैं। जिस संवेदन संसार में वे हमें आमंत्रित करती हैं, वह हमारा जाना-पहचाना है और उसमें वह बड़ी सहजता से प्रवेश करते हैं। फिर जो देश-काल उनकी रचनाओं में गूँजता है, वह भी हमारा अपना सुपरिचित देश-काल है। हमें अपने को यह याद नहीं दिलाना पड़ता कि हम किसी सुन्दर मगर पराए बग़ीचे में झाँक रहे हैं।

निज़ाम साहब के काव्य में एक और बात मुझे विशेष आकृष्ट करती है; वह है उसमें भावना और विचार का विलक्षण सामंजस्य। निज़ाम दूर की कौड़ी लानेवाले या उड़ती चिड़िया के पर काटनेवाले शायर नहीं हैं। चमत्कारी बात उनकी अभीष्ट नहीं है। सीधा-साधा मानवीय सत्य कितना बड़ा चमत्कार होता है, यह वह जानते हैं, और उसी को अपने भीतर से पाना, उसी को दूसरे के भीतर उतार देना उनका अभीष्ट है।

ग़ज़ल के स्वभाव में ही यह चीज़ है कि उसका एक-एक शे’र विचार अथवा भाव वस्तु की दृष्टि से एक मुक्तक होता है : लय अथवा तुक इन मुक्तकों को शृंखलित करती चलती है। विचारों अथवा भावों के जगत में मुक्त आसंगों की-सी एक निरायास यात्रा होती रहे, इस उद्देश्य की पूर्ति निज़ाम की ग़ज़लें भी बख़ूबी करती हैं। कभी-कभी तो एक ही शे’र पढ़कर पाठक गहरे में छुआ जाकर देर तक वहीँ निःस्तब्ध रुका रह सकता है—ग़ज़ल इसकी छूट देती है।

मेरा विश्वास है कि निज़ाम साहब का यह संग्रह हिन्दी जगत में दूर-दूर तक पढ़ा जाएगा और सम्मान पाएगा; इतना ही नहीं, वह एक बहुत बड़े पाठक वर्ग का अपना हो जाएगा; अपना, आत्मीय और सखावत सहज आनन्द देनेवाला।

—अज्ञेय (भूमिका से)।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 1984
Edition Year 2014, Ed. 2nd
Pages 144p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.3
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Sheen Kaf Nizam

Author: Sheen Kaf Nizam

शीन. काफ़. निज़ाम

शीन. काफ़ निज़ाम का जन्म 26 नवम्बर, 1945 को जोधपुर में हुआ। आपने बहुत ही कम उम्र में उर्दू और हिन्दी जगत में एक सम्मानित स्थान प्राप्त कर लिया। साल 2010 में आप ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ से सम्मानित हो चुके हैं। इसके अलावा आपको 'राष्ट्रीय इक़बाल सम्मान’, 'भाषा भारती सम्मान’ सहित कई पुरस्कार मिले हैं।

कविता और आलोचना में रचनारत रहते हुए आपने हिन्दी से उर्दू तथा उर्दू से हिन्दी में आधुनिक कविता का अनुवाद-कार्य भी किया है। आप कई उर्दू पत्रिकाओं के सम्पादन से जुड़े रहे।

आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं—कविता—‘लम्हों की सलीब’, ‘नाद’, ‘दश्त में दरिया’, ‘साया कोई लम्बा ना था’, ‘सायों के साये में’, ‘रास्ता ये कहीं नहीं जाता’, ‘बयाज़ें खो गई हैं’, ‘गुमशुदा दौर की गूँजती घंटियाँ’; आलोचना—‘मंटो-अहतिज़ाज़ और अफ़साना’, ‘लफ़्ज़-दर-लफ़्ज़’, ‘मानी-दर-मानी’, ‘तज़किरा मआसिर-शोरा-ए-जोधपुर’।

ई-मेल : sheenkaafnizam@rediffmail.com

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