Cricket Ki Marketing

As low as ₹505.75 Regular Price ₹595.00
You Save 15%
In stock
Only %1 left
SKU
Cricket Ki Marketing
- +
समय बदलता है तो स्थितियाँ भी बदलती हैं। जीवन का स्वरूप भी बदलता है। बदलते समय के साथ सब कुछ बदलता है। वैसे ही क्रिकेट के खेल में भी बदलाव आते रहे हैं। क्रिकेट बदला तो खेल की मार्केटिंग भी बदली। आज जहाँ भी जिन खेलों की लोकप्रियता है, वहाँ का मार्केट ही उन खेलों का मुख्य प्रायोजक है। भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता है तो आज विश्व क्रिकेट भी भारत के प्रायोजकों के धन से ही चल रहा है। इसलिए क्रिकेट की मार्केटिंग का हिसाब लगाती यह किताब आज के बदलते समय को समझने में भी काम आने वाली है। मार्केट या बाज़ार समाज का अहम हिस्सा रहे हैं। मार्केट पर भी समाज का ही नियंत्रण रहा। मगर आज मार्केट पर नियंत्रण करने वाला समाज ही उसके सामने नतमस्तक है। आज सब मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं। यहाँ तक कि खिलाड़ी भी आज खेल को खेल की तरह न खेलकर कि कोरे मुनाफे के लिए ही खेलते हैं। प्रो. सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी की यह किताब क्रिकेट में मार्केट की बढ़ती दखलअन्दाजी को सामने लाने का अच्छा प्रयास है। क्रिकेट का मार्केट अगर खेल और खिलाड़ियों पर हावी होने लगेगा तो न तो क्रिकेट शानदार अनिश्चिततओं का खेल रह जाएगा और न ही इसके खिलाड़ी लोकप्रिय और यशस्वी हो पाएँगे। खेल खतम, पैसा हज़म नहीं होना चाहिए। किताब पढ़ें और क्रिकेट की विरासत को समझें।
More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 176p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21 X 13.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Cricket Ki Marketing
Your Rating
Suryaprakash Chaturvedi

Author: Suryaprakash Chaturvedi

सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी

सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी हिन्दी खेल पत्रकारिता के प्रतिष्ठित हस्ताक्षर हैं। उनका जन्म 7 नवम्बर, 1937 को इन्दौर, मध्यप्रदेश में हुआ। उन्होंने चालीस साल तक स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य का अध्यापन किया और पिछले कई दशकों से क्रिकेट पर देश के विभिन्न समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं में लिखते रहे हैं।

क्रिकेट पर लिखी उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं—‘बाईस गज की दुनिया’, ‘सी.के. नायडू’, ‘मुश्ताक अली’, ‘आज़ाद भारत में क्रिकेट’, ‘हमारे आज के क्रिकेट सितारे’, ‘नम्बर एक कौन और क्यों? : सचिन, वॉ या लारा’, ‘विश्व क्रिकेट और भारत’, ‘भारतीय स्पिन गेंदबाजी की परम्परा’, ‘ऑलराउंडर’, ‘हमारे कप्तान : नायडू से धोनी तक’, ‘भारत के विकेटकीपर्स’, ‘क्रिकेट अंपायर्स’, ‘क्रिकेट की मार्केटिंग’।

Read More
Books by this Author
Back to Top