Cricket Ka Mahabharat

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Author: Sushil Doshi
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Cricket Ka Mahabharat
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सुशील दोषी क्रिकेट की जानी-मानी शख़्सियत हैं। क्रिकेट को भारत में लोकप्रिय बनाने एवं घर-घर में कमेंटरी के ज़रिए पहुँचाने में उनका नाम सर्वोपरि है। सशक्त व दिल छूनेवाली आवाज़ तथा आकर्षक शैली के कारण उनकी हिन्दी कमेंटरी ही नहीं, उनका लेखन भी लुभाता रहा है। इस पुस्तक के ज़रिए वह क्रिकेट कहानियों के नए क्षेत्र में क़दम रख रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है, यह पुस्तक उनकी कमेंटरी की तरह ही यादगार बन जाएगी।    

—संजय जगदाले (पूर्व सचिव, बी.सी.सी.आई., पूर्व चयनकर्ता व अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक)

 

सुशील दोषी की कमेंटरी तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। करोड़ों लोगों के साथ मैं भी उनका प्रशंसक हूँ। इस कहानी-संग्रह को आप दिलचस्प पाएँगे। महाभारत व क्रिकेट का मिश्रण अत्यन्त रोचक है। दुनिया में क्रिकेट की पृष्ठभूमि पर कहानियों का अभाव है। इस अभाव को दूर करने की दिशा में किया गया यह रचनात्मक प्रयास प्रशंसा के क़ाबिल है। सुशील सर को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएँ।    

—नरेन्द्र हिरवानी (क्रिकेट खिलाड़ी, विश्व रिकॉर्ड होल्डर, पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता, ख्यात प्रशिक्षक)

 

सुशील दोषी ने क्रिकेट क्षेत्र में व्याप्त समस्त ग्राह्य तथा अग्राह्य व्यक्ति व्यवहारों को परिलक्षित करते हुए ‘महाभारत’ के पात्रों को आधार बनाकर कथाओं का सृजन किया है। उन्हें पढ़ते हुए हम बिना किसी प्रयास के कथावस्तु व ‘महाभारत’ में सहज सम्बन्ध खोज लेते हैं। सुशील जी का यह अनूठा प्रयास सराहनीय है। महर्षि वेद व्यास ने ‘महाभारत’ में स्वयं कहा है—‘‘यन्नेहास्ति न कुत्रचित्।’’ यानी जिस विषय की चर्चा इस ग्रन्थ में नहीं है, उसकी चर्चा अन्यत्र कहीं भी उपलब्ध नहीं है। ठीक उसी प्रकार से खेल में अपेक्षित तथा अवांछित कृत्यों का उल्लेख सुशील जी की इस पुस्तक में नहीं है, तो कहीं भी नहीं है। विषय वस्तु की गहरी पकड़ व भाषा की दिल छूनेवाली सरलता उनके स्वभाव को ही प्रदर्शित करती है। शुभकामनाएँ।    

—मिलिन्द महाजन

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2016
Edition Year 2016, Ed. 1st
Pages 88p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Sarthak (An imprint of Rajkamal Prakashan)
Dimensions 21.5 X 14 X 0.5
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Editorial Review

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Sushil Doshi

Author: Sushil Doshi

सुशील दोषी

जन्म : 9 जून, 1947।

शिक्षा : बी.ई. (इलेक्ट्रिकल)। देश के सबसे लोकप्रिय हिन्दी क्रिकेट कमेंटेटर।

सात पुस्तकों का प्रकाशन। देश के प्रमुख हिन्दी खेल लेखकों में शामिल। 350 से ज्यादा एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मैचों व 75 से ज्यादा टेस्ट मैचों की देश-विदेश में तथा अनेक खेल चैनलों के लिए हिन्दी कमेंटरी की। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हिन्दी कमेंटरी के लिए 'लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार। अन्तरराष्ट्रीय होलकर स्टेडियम के कमेंटरी बॉक्स का नाम 'सुशील दोषी कमेंटरी बॉक्स’ कर दिया गया है। किसी कमेंटेटर को भारत में पहली बार यह सम्मान मिला है।

सम्प्रति : डायरेक्टर, दोषी ऑटोमोबाइल्स प्रा.लि.।

 

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