Chitthiyan Renu Ki Bhai Birjoo Ko

Translator: Translator Two
Editor: Ruchira Gupta
Edition: 2022, Ed.1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Chitthiyan Renu Ki Bhai Birjoo Ko
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‘चिट्ठियाँ रेणु की भाई बिरजू को’ एक महान कथाकार के अन्तर्जगत के ऐसे दृश्यों का एलबम है जो अब तक अज्ञात-अल्पज्ञात रहे हैं। ‘मैला आँचल’ और ‘परती परिकथा’ जैसे कालजयी उपन्यासों के लेखक फणीश्वरना‌थ रेणु और गांधीवादी-समाजवादी विचारधारा से गहरे जुड़े मिल-मालिक बृजमोहन बाँयवाला की पारस्परिक आत्मीयता का जो वृत्तान्त इस किताब में संकलित चिट्ठियों से उभरता है, वह दो व्यक्तियों की आपसी मित्रता तक सीमित नहीं है। उस वृत्तान्त से ऐसा एक दौर पाठक के सामने साकार हो उठता है जो भारत के समाजवादी आन्दोलन से लेकर नेपाली क्रान्त‌ि तक की हलचलों से भरा था। इस किताब में रेणु के घर-परिवार का जिक्र तो है ही, डॉ. राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, विश्वेश्वर प्रसाद कोइराला, अज्ञेय, दिनकर, नागार्जुन, रघुवीर सहाय, ओमप्रकाश दीपक और जुगनू शारदेय के साथ-साथ बृजमोहन बाबू के परिवार और घर का जीवन्त उल्लेख है, जो भारत के समाजवादियों और नेपाल के क्रान्तिकारियों का विश्वस्त ठिकाना था। किताब में संकलित चिट्ठियों में रेणु विभिन्न रूपों में नजर आते हैं—कभी लेखक के रूप में तो कभी परिवार के जिम्मेदार अभिभावक के रूप में, कभी किसान के रूप में तो कभी समाजवादी कार्यकर्ता के बतौर। लेकिन हर बार सहज, संवेदनशील, मानवीय।

निश्चय ही यह किताब हिन्दी पत्र-साहित्य की एक उपल‌ब्धि है। अत्यन्त पठनीय और संग्रहणीय।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed.1st
Pages 198p
Translator Translator Two
Editor Ruchira Gupta
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21 X 13.5 X 2
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Author: Vidyasagar Gupta

विद्यासागर गुप्ता

विद्यासागर गुप्ता एक ऐसे मिल-मालिक हैं जो युवावस्था से ही गांधीवादी और समाजवादी विचारधारा से प्रभावित रहे। समाजवादी आन्दोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। नेपाली कांग्रेस के शुभचिन्तक और नेपाली क्रान्ति के महत्त्वपूर्ण सहयोगी रहे। उनके सहयोग से ही संसद के केन्द्रीय कक्ष में डॉ. राममनोहर लोहिया का तैलचित्र लगा है। राजनीति, साहित्य और घुमक्कड़ी में दिलचस्पी है। इन दिनों कोलकाता और फारबिसगंज में रहते हैं।

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