Chanakya Ka Naya Ghoshnapatra

Translator: Prakash Dixit
Edition: 2014, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Chanakya Ka Naya Ghoshnapatra
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लगभग 2500 वर्ष पहले, ईसा पूर्व चौथी सदी में, जब विश्व के अधिकांश भागों की सभ्यता अपनी शैशवावस्था में थी, चाणक्य नाम के एक विद्वान और विचारक ने ‘अर्थशास्त्र’ शीर्षक से एक ग्रन्थ लिखा, जो संसार में राजनीति पर सर्वाधिक गहन और सघन रचनाओं में से एक है।

‘अर्थशास्त्र’ में लगभग 6000 श्लोक और सूत्र हैं। यहाँ व्यवस्थित रूप से प्रभावशाली प्रशासन,

लोककल्याण, आर्थिक समृद्धि, शासक के गुण, उसके मंत्रियों की योग्यता, अधिकारियों के कर्तव्यों, प्रशासनिक क्षमता, नागरिक दायित्व, क़ानून के शासन का महत्त्व, प्रभावी न्याय व्यवस्था, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के तरीक़े, दंडनीति अथवा अपराधियों को दंडित करने की नीति, विदेशनीति के संचालन, युद्ध की तैयारी और संचालन, गठबन्धनों की नीति और अन्य बातों पर राष्ट्रीय हितों की सर्वोपरिता की चर्चा की गई है।

यह निश्चित रूप से वही क्षेत्र हैं, जिनमें अपेक्षाकृत नवस्वतंत्र गणतंत्र भारत लगता है कि राह से भटका हुआ है। किन्तु यदि दो हज़ार साल पहले चाणक्य जैसा कोई व्यक्ति, इन्हीं परिस्थितियों में परिवर्तन ला सकता था और प्रशासन का एक नूतन दृष्टिकोण रच सकता था, तो कोई कारण नहीं कि हम भी यह न कर सकें और इस पुस्तक का प्रतिपाद्य भी यही है। क्षुद्र अहंमन्यता, बौद्धिक विशिष्टता या पक्षधर संकीर्णता से परे इसका उद्देश्य केवल यह है कि ‘परिवर्तन’ के लिए राष्ट्रव्यापी रूप से तत्काल और गहन बहस की शुरुआत हो सके।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2014
Edition Year 2014, Ed. 1st
Pages 228p
Translator Prakash Dixit
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Pawan Kumar Verma

Author: Pawan Kumar Verma

पवन कुमार वर्मा

जन्म : 5 नवम्बर, 1953 में नागपुर में।

शिक्षा : दिल्ली के सेंट स्टीफ़ंस कॉलेज से इतिहास में ऑनर्स करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से क़ानून की परीक्षा उत्तीर्ण की।

भारतीय विदेश सेवा के सदस्य के रूप में बल्गारिया व रोमानिया में नियुक्ति के अलावा पवन कुमार वर्मा ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र स्थित भारतीय मिशन में भी महत्त्वपूर्ण उत्तरदायित्व का निर्वहन किया। वे मास्को स्थित भारतीय दूतावास के जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक और भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता भी रहे। वे पूर्व राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘द ग्रेट इंडियन मिडिल क्लास’ (यह किताब राजकमल प्रकाशन से ‘भारत के मध्य वर्ग की अजीब दास्तान’ शीर्षक से प्रकाशित है); अन्य किताबें—‘ग़लिब : द मैन’, ‘द टाइम्स’, ‘कृष्णा : द प्लेफुल डिवाइन’, ‘युधिष्ठिर एंड द्रौपदी : ए टेल ऑव लव’, ‘पेशन एंड रिडिल्स ऑव एक्जिस्टेंस’, ‘मेशंस एट डस्क : द हवेलीज ऑव ओल्ड डेलही’, ‘बीइंग इंडियन इनसाइड दि रियल इंडिया’ और ‘बिकमिंग इंडियन दि अनफिनिश्ड रेवोल्यूशन ऑव कल्चर एंड आइडेंटिटी’।

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