जन्म : 11 नवम्बर, 1821 को मास्को में। उनके पिता मिखाईल अन्द्रेयेविच रूसी समाज की धार्मिक श्रेणी से सम्बन्ध रखते थे और मारीइन्स्काया के खैराती अस्पताल में डाक्टर थे।
दोस्तोयेव्स्की ने 1838 में भाई मिखाईल के साथ पीटर्सबर्ग के सैन्य इंजीनियरिंग स्कूल में दाख़िला लिया। मिखाईल के साथ उनकी गहरी भावनात्मक घनिष्ठता थी जो बाद में पत्रकारिता के दौरान भी बनी रही। 1843 में पढ़ाई समाप्त करके वह सेना में नौकरी करने लगे, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें दृढ़ विश्वास हो गया कि साहित्य-सृजन ही उनके जीवन का कार्यक्षेत्र है और फिर एक साल बाद ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
दोस्तोयेव्स्की की रचनाएँ दरअसल उस ऐतिहासिक युग के यथार्थ और सामाजिक चिन्तन के अन्तर्विरोधों को प्रतिबिम्बित करती हैं जब रूस और पश्चिमी यूरोप में सामाजिक सम्बन्ध विकट विशृंखलता और विघटन से गुज़र रहे थे।
उन्नीसवीं शताब्दी के सातवें-आठवें दशकों के दौरान दोस्तोयेव्स्की ने अपने सर्वाधिक प्रतिभापूर्ण और महान उपन्यास लिखे, जिनकी मान्यता आज भी न केवल रूसी साहित्य, बल्कि समूचे विश्व-साहित्य के इतिहास में मील के पत्थरों के रूप में है। ये उपन्यास थे—‘अपराध और दण्ड’, ‘बौड़म’, ‘भूत-प्रेत’, ‘किशोर’ और ‘करामाज़ोव बन्धु’।