जनगणना के मुताबिक़ 1974 से 1991 के बीच प्रतिदिन औसतन 475 लोग, यानी प्रतिवर्ष 1,73,375 हिन्दू नागरिक हमेशा के लिए देश छोड़कर चले जाने को लाचार हुए। यदि हिन्दू समुदाय का कोई नागरिक यह देश छोड़कर न जाता तो आज बांग्लादेश में हिन्दुओं की आबादी कोई तीन करोड़ होती। लेकिन हिन्दू इस देश को छोड़कर क्यों जा रहे हैं? हिन्दुओं के देश-त्याग के मूलतः पाँच कारण इस पुस्तक में रेखांकित किए गए हैं। ये हैं—साम्प्रदायिक उत्पीड़न, साम्प्रदायिक हमले, शत्रु अर्पित सम्पत्ति क़ानून, देवोत्तर सम्पत्ति पर क़ब्ज़ा और सरकारी नौकरियों में हिन्दुओं की उपेक्षा एवं भेदभाव। पुस्तक के अन्त में हिन्दुओं के देश-त्याग के आँकड़ों का विवेचन किया गया है और साम्प्रदायिक सद्भाव की रक्षा के लिए कुछ प्रस्ताव-कुछ सुझाव दिए गए हैं।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back, Paper Back |
Publication Year | 2017 |
Edition Year | 2023, Ed. 2nd |
Pages | 127p |
Translator | Munmun Sarkar |
Editor | Not Selected |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22 X 14.5 X 1.5 |