Desh Vibhajan Ki Kahaniyan

Author: Salam Azad
Translator: Munmun Sarkar
Edition: 2023, Ed. 4th
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Desh Vibhajan Ki Kahaniyan

सीमा के उस पार अस्वस्थ पिता खड़े हुए और इस पार बेटी, बीच में लगभग आधे मील चौड़े पाट की एक नदी...धरती को बाँटने की कोशिशों का पीड़ाजनक नतीजा ऐसी ही सीमाओं में होता है। ‘देश विभाजन की कहानियाँ’ बांग्लादेश के लब्धप्रतिष्ठ लेखक सलाम आज़ाद ने इन्हीं सीमाओं और पीड़ाओं से आक्रान्त होकर क़लमबद्ध की हैं। इन कहानियों में उन्होंने अपने देश के विभाजन के कारणों, उसके परिणामों और निरीह मनुष्य की नियति पर पड़नेवाले उसके दूरगामी और विडम्बनापूर्ण प्रभावों को भावप्रवण कथात्मकता के साथ रेखांकित किया है।

सलाम आज़ाद बांग्लादेश के उन लेखकों में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं जिनका सरोकार साम्प्रदायिक सौहार्द और देश का धर्मनिरपेक्ष विकास है। उनकी यह चिन्ता भी इन कहानियों में लक्षित की जा सकती है। बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ किए जानेवाले भेदभाव और उनके नागरिक अधिकारों का हनन सलाम आज़ाद के लेखक को गहरा दु:ख पहुँचाता है, जिसके चलते वे ‘जन्मभूमि’ जैसी कहानियाँ लिखने को बाध्य होते हैं।

‘देश विभाजन की कहानियाँ’-ये कहानियाँ भी हैं, और दस्तावेज़ भी।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2003
Edition Year 2023, Ed. 4th
Pages 80p
Translator Munmun Sarkar
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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Salam Azad

Author: Salam Azad

सलाम आज़ाद

जन्म : 10 जुलाई, 1964 को बांग्लादेश के विक्रमपुर ज़िले के दामला गाँव में।

शिक्षा : सर जे.सी. बोस इंस्टीट्यूशन के मेधावी छात्र रहे। बाद में गाइबाँधा गवर्नमेंट कॉलेज और ढाका विश्वविद्यालय में पढ़ाई-लिखाई की।

कुछ समय तक पत्रकारिता करने के बाद सम्प्रति बांग्लादेश की एक ग़ैर-सरकारी संस्था ‘एमिटी फ़ॉर पीस’ में कार्यरत।

प्रमुख कृतियाँ : बांग्ला में—‘विज्ञानी जगदीश चन्द्र बसु : जीवन ओ गवेषणा’, ‘रवीन्द्रनाथ जे भावे लिखतेन जेमन करे लिखतेन’, ‘देश त्याग : साम्प्रतिक भावना’, ‘महापुरुष विशुद्धानन्द महाथेरो’, ‘रवीन्द्रनाथ के लेखा जगदीश चन्द्र बसु पत्रावली’, ‘श्वेतपत्र’, ‘विश्वकविर सोनार बांग्ला’, ‘शान्तिवाहिनी ओ शान्ति चुक्ति’, ‘पार्वत्य चट्टग्राम प्रसंग’, ‘चुक्ति उत्तर पार्वत्य चट्टग्राम ओ आदिवासी प्रसंग’, ‘नजरुल स्मारक ग्रन्थ’, ‘जीवनानन्द दास स्मारक ग्रन्थ’, ‘बांग्लादेशेर बिपन्न संखालघु’, ‘बंगबन्धु जेनेभा ओ अन्यान्य’, ‘अन्नदा शंकर राय बांग्लादेश ओ बंगबंधु’, ‘आदिवासीदेर भाषा’, ‘मानवाधिकार प्रसंगे रवीन्द्रनाथ’, ‘रवीन्द्र भुवने बंगलादेश’, ‘तसलीमा नसरीन ओ अन्यान्य’, ‘बांगलादेशेर आदिवासी अस्तित्वेर संकट’, ‘बंगलादेशे मदरसा शिक्षा’; अंग्रेज़ी में—‘एट्रोसिटीज़ ऑन द माइनोरिटीज़ इन बंगलादेश’, ‘कंट्रीब्यूशन ऑफ़ इंडिया इन द वार ऑफ़ लेबरेशन ऑफ़ बंगलादेश’।

हिन्दी में अनूदित—‘बांग्लादेश से क्यों भाग रहे हैं हिन्दू’, ‘शर्मनाक’, ‘देश-विभाजन की कहानियाँ’, ‘टूटा मठ’, ‘बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार’, ‘कल्पना चकमा’, ‘नो-मैन्स लैंड’, ‘बांग्लादेश के पीड़ित अल्पसंख्यक’, ‘युद्ध शिशु’।

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