Balatkar Aur Kanoon

Law
Author: Ranjeet Verma
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Balatkar Aur Kanoon
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‘बलात्‍कार’ स्त्री के प्रति किया जानेवाला जघन्य अपराध है। इस अपराध के ज़्यादातर मामले दर्ज नहीं होते या दर्ज भी होते हैं तो साक्ष्य के अभाव में अपराधी छूट जाते हैं। यह पुस्तक विधि एवं न्याय के अतिरिक्त सामाजिक तौर पर इस अपराध के ख़िलाफ़ ज़मीन तैयार करती है। बलात्कार से लड़ना है तो सबसे पहले उसके पीछे काम कर रहे मनोविज्ञान से टकराना होगा यानी सवर्ण मानसिकता, पुरुष-सत्ता और वर्गीय सोच, इन तीनों को खुलकर चुनौती देनी होगी।

विधि विशेषज्ञ रंजीत वर्मा की इस पुस्तक का उद्देश्य है समाज को इस अपराध के प्रति जागरूक बनाना, पीड़िता के बयान और सच्चाई की जाँच, चिकित्सकीय जाँच में देरी के ख़तरे, अदालतों के फ़ैसलों से टकराते समाज के फ़ैसले तथा अभियुक्त को उसके किए की सज़ा दिलाना। साथ ही पीड़िता को आर्थिक, सामाजिक और क़ानूनी मदद दिलवाना।

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2007
Edition Year 2007, Ed. 1st
Pages 132p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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Editorial Review

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Author: Ranjeet Verma

रंजीत वर्मा

जन्म : 21 अगस्त, 1956

शिक्षा : बी.ए., एल.एल.बी.

1980 से 2000 तक पटना उच्च न्यायालय में वकालत करने के बाद फ़िलहाल दिल्ली में विधि पत्रकारिता।

पटना में वकालत करते हुए ‘ऑल पटना लॉ रिपोर्टर’ जर्नल का 1995 से 1999 तक प्रकाशन एवं सम्पादन।

सामाजिक, साहित्यिक और क़ानूनी विषयों पर ‘दैनिक भास्कर’, ‘हिन्दुस्तान’, ‘राष्ट्रीय सहारा’, ‘जनसत्ता’, ‘सहारा समय’ आदि समाचार-पत्रों में समय-समय पर लेखों का प्रकाशन। दो पुस्तकों का अनुवाद—‘न्यायपालिका कसौटी पर’ और ‘भोजन का अधिकार।’

सम्प्रति : पिछले लगभग कुछ वर्षों से हिन्दी द्वैमासिक पत्रिका ‘कॉम्बेट लॉ’ से सम्बद्ध। मूल रूप से कवि।

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