Bagh Upaakhyaan

Edition: 2023, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
As low as ₹420.75 Regular Price ₹495.00
15% Off
In stock
SKU
Bagh Upaakhyaan
- +
Share:

बाघ को नहीं मालूम/इनसानों की दुनिया में/उसे लेकर कितनी घटनाएँ घटित होती हैं। कितनी कहानियाँ, कितनी किंवदंतियाँ/कितनी कल्पनाएँ...।

‘बाघ उपाख्यान’ शीर्षक के तहत ये पचपन कविताएँ सिर्फ़ बाघ की नहीं मनुष्यों के भीतर और उसके समाज में मौजूद बाघ-पन की कविताएँ हैं; उस हिंसा और अमानवीयता के अन्वेषण की कविताएँ जिनके सामने सचमुच के बाघ की प्राकृतिक भयावहता निरीह मालूम होने लगती है। उसे यह भी पता नहीं होता कि मनुष्य का समाज उसे कितने अच्छे ढंग से जान चुका है, और अपनी पूरी ताकत के बावजूद वह इतना कमज़ोर हो चला है कि अब मनुष्य ही उसके जीवन का संरक्षण चाहने लगा है। लुप्त होते उस जीव के लिए मनुष्य-समाज नारे लगा रहा है; योजनाएँ बना रहा है।

लेकिन उस बाघ का क्या, जो हमारे भीतर है जिसके पंजों के निशान हर जगह हैं, हर जगह जिसके ख़ौफ़ का अँधेरा पसरा हुआ है! वह बाघ जो हमारे पापों, दुष्कर्मों और छलों से बना है; हमारी महत्त्वाकांक्षाओं से, लालच से, लिप्सा और अबुझ वासना से, वह जो हमारे आसपास हर कहीं, हर समय उपस्थित है।

स्वयं रचनाकार के शब्दों में, ‘बाघ का बाघ-भाव और मनुष्य का बाघ-भाव—ये दोनों मुझे आलोड़ित, आन्दोलित...और आहत करते रहे लगातार।’ इसी मनस्थिति में उन्होंने बाघ को जानना शुरू किया जो उन्हें हर कहीं दिखा—मंचों पर, मंत्रणा-कक्षों में, सड़कों पर और घरों में। बाघ को पहचानने की इसी प्रक्रिया में ये कविताएँ जन्मीं हैं जो हमें अपने आसपास की दुनिया को एक नई और चकित निगाह से देखने को प्रेरित करती हैं।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 120p
Translator Rajendra Prashad Mishra
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Bagh Upaakhyaan
Your Rating

Author: Gayatribala Panda

डॉ. गायत्रीबाला पंडा

डॉ. गायत्रीबाला पंडा का जन्म 17 अप्रैल, 1977 को ओड़िशा के जगतसिंहपुर में हुआ। उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर से उन्होंने उच्च शिक्षा पूरी की। ओड़िआ में अब तक उनके ग्यारह काव्य-संग्रह, चार उपन्यास, दो कहानी-संग्रह और एक निबन्ध-संग्रह प्रकाशित हुए हैं। कविताओं के अनुवाद हिन्दी में चार और अंग्रेजी में एक प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें काव्य-संग्रह ‘गाँ’ (गाँव) के लिए साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली द्वारा सन् 2011 में युवा लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राज्य स्तर पर एक दर्जन पुरस्कार प्राप्त।

सन् 2015 में ‘राइटर इन रेज़िडेंस’ के रूप में सत्रह दिनों तक राष्ट्रपति भवन में रहकर लेखन एवं काव्य-पाठ। हिन्दी में अनूदित कविताएँ समकालीन भारतीय साहित्य, नया ज्ञानोदय, साक्षात्कार, मधुमती, इन्द्रप्रस्थ भारती आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित और चर्चित।

ईमेल : gayatribalap@gmail.com

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top