Badi Buajee

Author: Badal Sarkar
Translator: Pratibha Agarwal
Edition: 2015, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
As low as ₹112.50 Regular Price ₹125.00
10% Off
In stock
SKU
Badi Buajee
- +
Share:

इस नाटक की मुख्य शक्ति इसके चुटीले और व्यंग्य सिद्ध संवाद हैं। कथा का विकास और प्रवाह संवादों के जरिए होता रहता है। एक उदाहरण, बूआजी के व्यक्तित्व को व्यंजित करता शशांक नामक पात्र का यह कथन, ‘कोन्नगर से बूआजी को प्रमीला कैसे खींचकर यहाँ ला रही है, यह या तो भगवान जाने या तुम...यह खबर सुनने के बाद से मेरे तो होश फाख्ता हो रहे हैं। गोली खाकर मरने के समय आँखों के सामने अँधेरा आने के बजाय बूआजी आ खड़ी होती हैं।’ यही कारण है कि सारे प्रमुख पात्र पाठकों और दर्शकों की स्मृति में टिक जाते हैं।
सुप्रसिद्ध रंगकर्मी डॉ. प्रतिभा अग्रवाल द्वारा अनूदित यह प्रहसन नई साज-सज्जा में पाठकों व रंगकर्मियों को भाएगा, ऐसा विश्वास है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 1977
Edition Year 2015, Ed. 2nd
Pages 120p
Translator Pratibha Agarwal
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Badi Buajee
Your Rating
Badal Sarkar

Author: Badal Sarkar

बादल सरकार

जन्म : 1925 में।

उनके बिना नाटकों की चर्चा करना बेमानी है। मूल बंगाली में लिखे होने के बावजूद उनके दर्जनों नाटक उसी तन्मयता के साथ अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित हुए और खेले जाते रहे हैं।

प्रकाशन : ‘एवम् इन्द्रजित्’, ‘पगला घोड़ा’, ‘बड़ी बूआजी’, ‘वल्लभपुर की रूप कथा’, ‘राम-श्याम जादू’, ‘कवि कहानी’, ‘अबुहसन’, ‘सगीना महतो’, ‘स्पार्टाकस’ तथा ‘सारी रात’ (सभी नाटक)। ‘एवम् इन्द्रजित्’ तथा ‘बाक़ी इतिहास’ सहित कई नाटक मराठी, गुजराती, कन्नड़, मणिपुरी, असमि‍या, पंजाबी, हिन्दी तथा अंग्रेज़ी में अनूदित तथा मंचित।

सम्मान : संगीत नाटक अकादमी का ‘राष्ट्रपति सम्मान’, ‘नेहरू फ़ैलोशिप’ आदि।

नाट्य समूह ‘आँगन मंच’ से सम्बद्ध रहे।

निधन : 2011

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top