Agnipurush

Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Agnipurush

इस कठिन समय में बर्बर भ्रष्टतंत्र के भीतर तपते हुए, झुलसते हुए जो अपने ईमान, अस्मिता और स्वत्वबोध को बचाकर रख पाया, वही कुन्दन बनकर मूल्यों की स्थापना कर पाता है। ‘अग्निपुरुष’ इसी मायने में हमारे समय में ईमानदार आदमी की मौजूदगी का जीवन्त दस्तावेज़ है। बिहार की पृष्ठभूमि पर पलामू और डाल्टनगंज को चित्रित करते हुए यह उपन्यास नौकरशाही के सच को उघाड़कर सामने तो लाता ही है, साथ ही साथ लेखक की सहज–सरल, भाषायी आडम्‍बर से मुक्त गद्य-संरचना अपनी कथावस्तु की सुगढ़ता के साथ प्रकट होती है। लेखक की आत्मकथात्मक शैली सतुआ पाण्डे के जीवन का चित्र ऐसे प्रस्तुत करती है, जैसे वह उनका कोई अपना ही आँखों देखा हो 

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Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2001
Pages 275P
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
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Shyam Bihari 'Shyamal'

Author: Shyam Bihari 'Shyamal'

श्‍याम बिहारी ‘श्‍यामल’

जन्म : 20 जनवरी, 1965; डालटनगंज, पलामू,  झारखंड।

प्रमुख कृतियाँ : पलामू के सूखा-अकाल और दुर्धर्ष जीवन-संघर्ष पर आधारित उपन्यास ‘धपेल’ का 1998 में प्रकाशन। दूसरा उपन्यास ‘अग्निपुरुष’ भी चर्चित। यह भी पलामू की पृष्ठभूमि व जनजीवन में चर्चित एक पात्र सतुआ पांडे के वृत्तान्त पर केन्द्रित। कहानी-संग्रह—‘चना चबेना गंग-जल’; संस्मरण—‘वे दिन जो कभी ढले नहीं’; ग़ज़ल-संग्रह—‘श्यामलकदा’ और कविता-पुस्तिका—‘प्रेम के अकाल में’ भी प्रकाशित।

पहली किताब ‘लघुकथाएँ अँजुरी भर’ सत्यनारायण नाटे के साथ साझे में 1984 में प्रकाशित। उसी दौर से लेकर अब तक लेखन और पत्रकारिता।

फ़िलहाल, आधुनिक हिन्दी भाषा-साहित्य के पितामह भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के मनोसंघर्ष पर आधारित उपन्यास के सृजन में रत।

‘कंथा’ का इससे पूर्व ‘नवनीत’ (मुम्बई) में मई 2010 से अक्टूबर 2012 तक के अंकों में धारावाहिक प्रकाशन और पाठकों के बीच चर्चित।

सम्प्रति : वाराणसी में ‘दैनिक जागरण’ के मुख्य उप-सम्पादक।

-मेल : shyambiharishyamal1965@gmail.com

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