Adbhut Brahmand

Edition: 2015, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Adbhut Brahmand
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यह पुस्तक ब्रह्माण्ड के बनने की जिज्ञासा, उसके बने रहने की उम्मीद और एक दिन उसके ख़त्म होने की आशंकाओं को तमाम वैज्ञानिक साक्ष्यों और आयामों के परिप्रेक्ष्य में सहज-सरल तरीक़े से प्रस्तुत करती है। ब्रह्माण्ड के रहस्यों, खोजों और उसके क्रिया-कलापों तथा घटनाओं में उलझने और उलझाने के बजाय उनको सुलझाने की दृष्टि का यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है.

लेखक ने न्यूटन, आइन्स्टीन से लेकर आज के वैज्ञानिकों तक के नियमों, सिद्धान्तों और खोजों के परिप्रेक्ष्य में ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति एवं विकास-क्रम, उसके विशाल होने की सम्भावना, आकाशगंगाओं में घटनाओं के चक्र आदि को काल के भीतर और बाहर देखने के लिए कैनवस की सफल रचना की है। साथ ही, यह पुस्तक ब्रह्माण्ड में कृष्ण पदार्थ और कृष्ण ऊर्जा के अस्तित्व तथा महत्त्व; सममिति और दिक् का स्वरूप; महाविस्फोट की पुनर्रचना; बहुब्रह्माण्डीय परिकल्पना; क्वाण्टम-सिद्धान्त; प्रकृति के मौलिक सिद्धान्तों का एकीकरण; सूत्रिका-सिद्धान्त की भूमिका; ब्रह्माण्डीय संयोग; सौन्दर्यमयी ज्यामिति; गुरुत्व एवं ब्रह्माण्ड आदि पाठों के अन्तर्गत विज्ञान-सम्मत सूत्रों को विश्लेषित और परिभाषित करने की अभिनव दृष्टि प्रदान करती है।

'अद्भुत ब्रह्माण्ड’ ब्रह्माण्ड की अन्तर्गुम्फित सत्ताओं के रहस्य के विपरीत उसके अन्वेषण की एक यथार्थवादी भूमिका रेखांकित करती है जो ब्रह्माण्डिकी में अभिरुचि रखनेवाले पाठकों को अपने वर्तमान और भविष्य के प्रति चेतना-सम्पन्न तो बनाती ही है, हिन्दी में विज्ञान विषयक पुस्तकों की कमी की भरपाई भी करती है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 364p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 3
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Chandramani Singh

Author: Chandramani Singh

चन्द्रमणि सिंह

चन्द्रमणि सिंह का जन्म 4 जून, 1949 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के कैथी ग्राम में हुआ। प्रयाग विश्वविद्यालय से भौतिक रसायन में परास्नातक उपाधि प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकारी सेवा में राजपत्रित पद पर नियुक्त हुए। विभिन्न पदों पर 36 वर्षों की सेवा के उपरान्त वर्ष 2011 में लोकसेवा आयोग उत्तर प्रदेश के सदस्य पद से सेवा निवृत्त।

उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं—‘वेद, विज्ञान एवं ब्रह्माण्ड’ (2012); ‘अद‍्भुत ब्रह्माण्ड’ (2015); ‘असीम सृष्टि’ (2016); ‘पृथ्वी’ (2018); ‘भारत एवं विश्व का भूगोल’ (2021)।
निधन : 14 फरवरी, 2024

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