Abhinav Hindi Vyakaran

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Abhinav Hindi Vyakaran

यह पुस्तक केवल पुस्तक ही नहीं है, बल्कि एक ऐसी व्याकरण अभ्यास-पुस्तिका है जिसे पढ़ने के बाद आप बख़ूबी समझ जाएँगे कि इसे आप तक पहुँचाने की आवश्यकता क्यों पड़ी। शिरोरेखा किसे कहते हैं; यह क्यों आवश्यक है; नुक्ता क्या है; बिन्दु-चन्द्रबिन्दु का प्रयोग कब-कब किया जाता है; श को कैसे-कब लिखा जाता है; ड/ड़ और ढ/ढ़; में क्या अन्तर है; वर्णमाला कैसे याद की जाए; बारहखड़ी से मात्राएँ किस प्रकार सीखी जा सकती हैं; संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया किसे कहते हैं; सन्धि क्या है; समास किसे कहते हैं?—आदि छोटे-छोटे बिन्दुओं की जानकारी के साथ पत्र लिखने की कला पर भी प्रकाश डाला गया है। व्याकरण को गणित के माध्यम से समझने और पढ़ने का तरीक़ा बताया गया है। जैसे—(1) संज्ञा के भेद—3; (2) सर्वनाम के—6 (3X2=6) (3) विशेषण के—4 (6-2=4) आदि। संविधान द्वारा स्वीकृत 18 भाषाओं को वर्ण वर्ग के हिसाब से 3,4,3,5,3 (=18) में बाँटा गया है। पुस्तक में सर्वत्र मानक वर्तनी का प्रयोग किया गया है।

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2008
Pages 224p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
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Meenakshi Agrawal

Author: Meenakshi Agrawal

डॉ. मीनाक्षी अग्रवाल

डॉ. मीनाक्षी अग्रवाल पिछले तीन दशकों से हिन्दी अध्ययन-अध्यापन, साहित्यिक-शैक्षिक लेखन-सम्पादन से जुड़ी हुई हैं।

इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं—‘संकल्प’, ‘सुबोध भारती’, ‘हिन्दी व्याकरण : भाषा और उसके अनुप्रयोग’, ‘हिन्दी व्याकरण एवं रचना’ और ‘आओ अच्छे बनें’।

विद्यार्थियों को क्या, कितना और कैसे पढ़ाएँ, सिखाएँ तथा उनके कौशलों का किस प्रकार मूल्यांकन करें, यह इनकी कार्यशालाओं का प्रमुख उद्देश्य रहता है। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सीबीएसई एवं एनआईओएस से जुड़ी डॉ. अग्रवाल आजकल मॉडर्न स्कूल, बाराखम्बा रोड, नई दिल्ली के हिन्दी विभाग में कार्यरत हैं।

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