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Aapsi Madad-E-Book

Translator: Prem Kapoor
Edition: 2010, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹112.50 Regular Price ₹150.00
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9788126717873-ebook

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पशु-जगत में हमने देखा है कि अधिकांश प्रजातियाँ सामाजिक जीवन जीती हैं तथा साहचर्य उनके लिए संघर्ष का सर्वोत्तम हथियार है तथा यह संघर्ष डारविन के भावानुरूप केवल अस्तित्व-रक्षा के लिए नहीं, बल्कि प्रतिकूल प्राकृतिक परिस्थितियों के विरुद्ध होता है। इस प्रकार उन्हें जो पारस्परिक सुरक्षा उपलब्ध होती है, उससे उनकी दीर्घायु तथा संचित अनुभव की सम्भावना तो बढ़ती ही है, उनका उच्चतर बौद्धिक विकास भी होता है तथा प्रजाति का और अधिक विस्तार भी होता है। इसके विपरीत अलग-थलग रहनेवाली प्रजातियों का क्षय अवश्यम्भावी होता है। जहाँ तक मनुष्य का सवाल है, पाषाण-युग से ही हम देखते हैं कि मनुष्य कुनबों और कबीलों में रहता है; कुल-गोत्रों और जनजातियों में देखा जा सकता है कि किस प्रकार उनमें सामाजिक संस्थानों की एक व्यापक शृंखला पहले से ही विकसित है; और हमने देखा कि प्रारम्भिक जनजातीय रीति-रिवाजों तथा व्यवहार ने मनुष्य को उन संस्थानों का आधार दिया जिन्होंने प्रगति की प्रमुख अवस्थिति का निर्माण किया। विश्वविख्यात लेखक प्रिंस पीटर एलेक्सेयेविच क्रोपोत्किन की इस अत्यन्त चर्चित कृति में यह दर्शाया गया है कि आपसी सहयोग की प्रवृत्ति जो मनुष्य को सुदीर्घ विकास-क्रम के दौरान उत्तराधिकार स्वरूप प्राप्त हुई, उसका हमारे आधुनिक व्यक्तिवादी समाज में भी अत्यन्त महत्त्व है। विश्व की महानतम कृतियों में शुमार यह कृति हमेशा ही समाजवैज्ञानिकों और विचारकों की दिलचस्पी का विषय रही है। आज भी इस पुस्तक की लोकप्रियता उतनी ही है जितनी लगभग एक सदी पहले थी, जब यह पहली बार पाठकों के सामने आई थी।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Prem Kapoor
Editor Not Selected
Publication Year 2010
Edition Year 2010, Ed. 1st
Pages 196p
Price ₹150.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Prince Peter Alexeyevich Kropotkin

Author: Prince Peter Alexeyevich Kropotkin

प्रिंस पीटर एलेक्सेयेविच क्रोपोत्किन

जन्म : 9 दिसम्बर, 1842

रूस के सबसे प्रभावी ‘अनार्किस्ट कम्यूनिज्म’ के प्रवक्ता।

आजीवन साम्यवाद की जड़ें मज़बूत करने के लिए काम करते रहे।

उनके नाम में जुड़े ‘प्रिंस’ की वजह से उन्हें ‘अनार्किस्ट प्रिंस’ भी कहा जाता है।

प्रमुख पुस्‍तकें हैं—‘द कॉकिंस्ट ऑफ़ ब्रेड’, ‘फ़ील्ड्स फ़ैक्ट्रीज़ एंड वर्कशाप’, सबसे चर्चित पुस्तक रही ‘म्यूचुअल एड : अफ़ैक्टर ऑफ़ एव्यूलूशन’, ‘इनसाइक्लोपिडिया ऑफ़ ब्रिटेनिका’ के ग्यारहवें संस्करण में योगदान, ‘मेमोरीज़ ऑफ़ रिवोल्यूसनिस्ट’ (संस्मरण), ‘द ग्रेट फ़्रेंच रेव्यूलेशन 1789-1793’, ‘एथिक्स’ (अपूर्ण), ‘इन रसियन एंड फ़्रेंच प्रिज़न्स’।

प्रमुख पंपलेट्स : ‘लिसन अनार्किस्ट’, ‘एन अपील टू द यंग’, ‘अनार्किज़्म : इट्स फिलॉसोफी एंड आइडियाज़’।

मृत्यु : 8 फरवरी, 1921

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