Aap Na Badlenge

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Author: Mamta Kaliya
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Aap Na Badlenge

मैंने तुम्हारा नाटक पढ़ लिया था। सबसे पहली बात तो यह कि इसमें एक बहुत ही सामयिक और महत्‍त्‍वपूर्ण थीम को उठाया गया है। दहेज के सवाल पर हर स्तर पर कुछ न कुछ लिखा जाना चाहिए और मुझे ख़ुशी है कि तुमने इस समस्या पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए नाटक का सहारा लिया। दूसरे तुम्हारी भाषा में बहुत कसावट है और नाटकीयता भी है। प्रारम्भिक दृश्य बड़े सघन लगते हैं और कार्य-व्यापार में भी एक तरह की नाटकीय क्रूरता का अहसास होता है जो ज़रूरी है।

—नेमिचन्द्र जैन, प्रख्यात रंग-आलोचक

 

इधर मैंने अपने विद्यार्थियों को 'यहाँ रोना मना है' एकांकी पढ़ाया। एकांकी सबको बहुत अच्छा लगा।

—के.एम. मालती; अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, गवर्नमेंट आर्ट्स एवं साइंस कॉलेज, कालीकट, केरल

 

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2009
Pages 120p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
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Editorial Review

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Mamta Kaliya

Author: Mamta Kaliya

ममता कालिया

ममता कालिया का जन्म 2 नवम्बर, 1940 को वृन्दावन में हुआ। आपकी शिक्षा दिल्ली, मुम्बई, पुणे, नागपुर और इन्दौर शहरों में हुई। आप कहानी, नाटक, उपन्यास, निबन्ध, कविता और पत्रकारिता अर्थात् साहित्य की लगभग सभी विधाओं में हस्तक्षेप रखती हैं। हिन्दी कथा साहित्य के परिदृश्य पर आपकी उपस्थिति सातवें दशक से निरन्तर बनी हुई है। आप महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक अंग्रेज़ी पत्रिका ‘HINDI’ की सम्पादक भी रह चुकी हैं।

आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं : ‘बेघर’, ‘नरक-दर-नरक’, ‘दौड़’, ‘दुक्खम सुक्खम’, ‘सपनों की होम डिलिवरी’, ‘कल्‍चर-वल्चर’ (उपन्यास); ‘छुटकारा’, ‘उसका यौवन’, ‘मुखौटा’, ‘जाँच अभी जारी है’, ‘सीट नम्बर छह’, ‘निर्मोही’, ‘प्रतिदिन’, ‘थोड़ा-सा प्रगतिशील’, ‘एक अदद औरत’, ‘बोलनेवाली औरत’, ‘पच्‍चीस साल की लड़की’, ‘ख़ुशक़िस्‍मत’, दो खंडों में अब तक की सम्पूर्ण कहानियाँ ‘ममता कालिया की कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह);
‘A Tribute to Papa and other Poems’, ‘Poems ’78’, ‘खाँटी घरेलू औरत’, ‘कितने प्रश्न करूँ’, ‘पचास कविताएँ’ (कविता-संग्रह); ‘आप न बदलेंगे’ (एकांकी-संग्रह); ‘कल परसों के बरसों’, ‘सफ़र में हमसफ़र’, ‘कितने शहरों में कितनी बार’, ‘अन्‍दाज़-ए-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’ (संस्‍मरण); ‘भविष्‍य का स्‍त्री-विमर्श’, ‘स्‍त्री-विमर्श का यथार्थ’, ‘स्‍त्री-विमर्श के तेवर’ (स्त्री-विमर्श); ‘महिला लेखन के सौ वर्ष’ (सम्‍पादन)।

आप ‘व्यास सम्मान’, ‘साहित्य भूषण सम्मान’, ‘यशपाल स्मृति सम्मान’, ‘महादेवी स्मृति पुरस्कार’, ‘राममनोहर लोहिया सम्मान’, ‘कमलेश्वर स्मृति सम्मान’, ‘सावित्री बाई फुले स्मृति सम्मान’, ‘अमृत सम्मान’, ‘लमही सम्मान’, ‘सीता पुरस्कार’ ढींगरा फैमिली फ़ाउंडेशन, अमेरिका का ‘लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’, ‘ओ.पी. मालवीय स्मृति सम्मान’ से सम्मानित की जा चुकी हैं।

ई-मेल : mamtakalia011@gmail.com

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