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Aap Bade Ho Gaye Hain
Edition: 2011, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Aap Bade Ho Gaye Hain
बड़े होने के क्रम में इतने सारे बदलाव हम में कब अौर कैसे हो गए, यह आसानी से समझ नहीं आता। इस किताब में बच्चों के परिप्रेक्ष्य में बड़ों को देखने की कोशिश की गयी है। यह पुस्तक अपनी जिज्ञासाओं के बल पर बच्चों के बड़े होने के क्रमागत विकास को समझाने का प्रयास करती है। किताब में चित्रों का संयोजन इसे और प्रभावी बना देता है।
Language | Hindi |
---|---|
Binding | Paper Back |
Publication Year | 2011 |
Edition Year | 2011, Ed. 1st |
Pages | 12p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 20.5 X 20 X 0.2 |