Aap Bade Ho Gaye Hain

Author: Jyoti Parihar
Edition: 2011, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Aap Bade Ho Gaye Hain

बड़े होने के क्रम में इतने सारे बदलाव हम में कब अौर कैसे हो गए, यह आसानी से समझ नहीं आता। इस किताब में बच्चों के परिप्रेक्ष्य में बड़ों को देखने की कोशिश की गयी है। यह पुस्तक अपनी जिज्ञासाओं के बल पर बच्चों के बड़े होने के क्रमागत विकास को समझाने का प्रयास करती है। किताब में चित्रों का संयोजन इसे और प्रभावी बना देता है।

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Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2011
Edition Year 2011, Ed. 1st
Pages 12p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 20.5 X 20 X 0.2
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Author: Jyoti Parihar

ज्योति परिहार

ज्योति परिहार मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने हिन्दी सृजनात्मक लेखन में डिप्लोमा किया है। उनकी प्रकाशित कृतियों में ‘बाल एवं महिला अधिकार’, ‘बालश्रम उन्मूलन’ आदि चर्चित हैं। वे बिहार बाल भवन, पटना में किलकारी की निदेशक रही हैं।

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