Aaine Ke Samne

Autobiography,Urdu litreature
Author: Atia Dawood
You Save 30%
Out of stock
Only %1 left
SKU
Aaine Ke Samne

अतिया दाउद पाकिस्तान की मशहूर लेखिका एवं एक्टिविस्ट हैं और यह किताब ‘आईने के सामने’ उनकी आपबीती है।

सच है कि ज़‍िन्दगी गुज़ारने से ज्‍़यादा तकलीफ़देह गुज़री हुई ज़‍िन्दगी को दोहराना होता है। स्वयं अतिया के शब्दों में—‘‘वो सब लिखते ही उसके बारे में सोचने में ख़ुद अपने जिस्म से निकलकर माज़ी के उस मंज़र में आकर ठहर जाती थी।...हर अज़ीयतनाक मंज़र इसी तरह से मुझ पर बीता फिर से...और मैं फूट-फूटकर रोई हूँ, तड़पी हूँ, जुदाई की आग में जली हूँ।’’

यह किताब गाँव की उस छोटी-सी बच्ची की कहानी है जो फ़क़ीरों और भिखारियों की मदद करने के लिए धूप में धूल के पीछे भागती है और जिसे उस मासूम उम्र में ही सुनना पड़ता है—‘‘मेरी मासूम यतीम बेटी, अपने बाप की शक्ल आख़‍िरी बार देख लो।’’ जो कम उम्र में ही अपनी माँ की ममता से भी महरूम हो जाती है लेकिन ज़‍िन्दगी चलती रहती है और कहानी जारी रहती है। यह किताब उस औरत की कहानी है जो पारम्परिक, दकियानूसी और ख़स्ताहाल समाज में जन्म लेती है और क़दम-क़दम पर ठोकरें खाती हुई गिरती-सँभलती अपनी मर्ज़ी से अपनी ज़‍िन्दगी जीने का फ़ैसला लेती है।

बचपन की मस्ती, खेल, भाई-बहन, ख़ानदान, शिक्षा-दीक्षा, नौकरी, मोहब्बत और निकाह, अदबी संगत, एक्टिविस्टिक गतिविधियाँ और डब्ल्यू.ए.एफ़. से वाबस्तगी आदि की कई संवेदनशील यादें इस किताब में क़लमबंद हैं। दरअसल यादों का एक बड़ा क़ब्रिस्तान है यहाँ और बहुत सन्नाटा है, गूँजता हुआ। यादों की क़ब्रें हद्देनज़र तक फैली हुई हैं और अतिया की झोली में ढेर सारे फूल हैं और यह वाजिब चिंता भी कि कट्टरपंथियों के वहशी दौर में एक बच्ची को आसानी से अपना जीवन जीने का हौसला रखनेवाली औरत बनने के लिए कितना दर्द सहना पड़ेगा एवं कितना दौड़ना पड़ेगा और यह दुआ भी कि ये लड़की, काश, कभी मंज़र से ओझल हो।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2004
Pages 198p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Aaine Ke Samne
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Atia Dawood

Author: Atia Dawood

अतिया दाऊद

पाकिस्तान के ज़‍िला नौशेरा फ़िरोज़ के एक छोटे-से गाँव में जन्मी अतिया दाऊद दो दहाई से ज्‍़यादा अरसे से कविताएँ लिख रही हैं। वे सिंधी की प्रमुख कवयित्रियों में एक हैं। पाकिस्तान के वरिष्ठ शायर शेख अयाज़ के मुताबिक़ ‘उनकी हर कविता मोती की तरह तेजस्वी है।’ उनकी कविताओं के बारे में मशहूर कथाकार इंतज़ार हुसैन का कहना है कि, ‘‘अतिया दाऊद की कविताओं में जो स्त्री सामने आती है, वह सिंधी कविता में एक नई आवाज़ है। उसमें हमें नारीवाद का एक नया स्वर सुनाई देता है।’’

Read More
Books by this Author

Back to Top