Aadhunik Bharat (1885-1947)

Author: Sumit Sarkar
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Aadhunik Bharat (1885-1947)
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इतिहास पर शोध करनेवालों के लिए राष्ट्रीय अभिलेखागार की सामग्री सुलभ हो जाने और निजी दस्तावेज़ों के अनेक संग्रह सामने आ जाने से उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम चरण और बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भिक चरण के भारतीय इतिहास पर शोधपत्रों की बाढ़-सी आ गई है। इन शोधपत्रों में अधिकांशतया विशिष्ट समस्याओं, आन्दोलनों अथवा क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, और नई सामग्री के संश्लेषण की अथवा नई खोजों को समाहित करते हुए पाठ्य-पुस्तकें लिखने की अपेक्षाकृत कम कोशिश की गई है। प्रो. सुमित सरकार की यह पुस्तक इसका अपवाद है। यहाँ लेखक ने साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष को केन्‍द्र में रखकर नई सामग्री का संश्लेषण किया है और साथ ही परवर्ती औपनिवेशिक भारत की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक घटनाओं के समग्र अध्ययन में उसका उपयोग करने की कोशिश भी की है।

आधुनिक भारत और उसके स्वातंत्र्य आन्‍दोलन का इतिहास-लेखन प्रायः विशिष्ट वर्ग के ही दृष्टिकोण से किया गया है। ऐसे इतिहास-लेखन में विभिन्न क्षेत्रों का नेतृत्व करनेवाले लोगों के कार्यकलाप, आदर्श या दलगत जोड़-तोड़ केन्द्रीय विषय रहे हैं। प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने, स्वयं अपने ही शोध के आधार पर, उन प्रचुर सम्भावनाओं का उद्घाटन करने की कोशिश की है, जो इतिहास को समाज के निचले तबके की दृष्टि से देखने के लिए विद्यमान हैं। आधुनिक भारतीय इतिहास की हमारी पूरी समझ पर लगे महत्त्वपूर्ण आरोपों का अध्ययन करने के लिए लेखक ने विशिष्ट वर्ग के बजाय जनजातियों, किसानों और कामगारों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है।

आधुनिक भारत में उन लोगों के अध्ययन के लिए ग्रन्थ-सूची भी दी गई है, जो इस विषय पर हुए प्रचुर शोधकार्यों की स्वयं छानबीन करना चाहते हैं। यह पुस्तक आधुनिक भारतीय इतिहास के अध्ययन में रुचि रखनेवाले हर व्यक्ति के लिए, ऑनर्स और स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्रों, प्राध्यापकों और सामान्य पाठकों के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 1992
Edition Year 2023, Ed. 19th
Pages 510p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2.5
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Sumit Sarkar

Author: Sumit Sarkar

सुमित सरकार

डॉ. सुमित सरकार दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफ़ेसर हैं। उनकी शिक्षा प्रेजीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता में हुई और कलकत्ता विश्वविद्यालय से उन्होंने पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। तदुपरान्त वे बर्दवान विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्राध्यापक रहे और वोल्फ़सन कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड में आमंत्रित फ़ेलो भी रहे।

डॉ. सुमित सरकार की प्रमुख कृतियों में ‘स्वदेशी मूवमेंट इन बंगाल—1903-1908’, ‘मॉडर्न इंडिया : 1885-1947’, ‘मॉडर्न टाइम्‍स : 1880-1950’, ‘बियॉन्‍ड नेशनलिस्‍ट फ़्रेम्स : पोस्‍ट-मॉडर्नलिज्‍़म, हिन्‍दू फ़ंडामेंटलिज्‍़म, हिस्‍ट्री’, ‘टुआर्ड्स फ़्रीडम डॉक्‍यूमेंट्स ऑन द मूवमेंट फ़ॉर इंडिपेंडेंस इन इंडिया—1946’ आदि उल्लेखनीय हैं। इनके अतिरिक्त उन्होंने उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के भारतीय इतिहास पर अनेक शोधपत्र भी लिखे हैं। ‘रवीन्‍द्र पुरस्‍कार’ सहित कई पुरस्‍कारों से सम्‍मानित किए जा चुके हैं।

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