Aacharya Ramchandra Shukla : Aalochana Ke Naye Mandand

Author: Bhavdeo Pandey
Edition: 2022, Ed. 3rd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
15% Off
Out of stock
SKU
Aacharya Ramchandra Shukla : Aalochana Ke Naye Mandand

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के पहले हिन्दी आलोचना का कोई व्यवस्थित ढाँचा तैयार नहीं हुआ था। कृति के गुण-दोष-दर्शन में दोष ढूँढ़ने का प्रचलन अधिक था। दोष-दर्शन में भी भाषागत त्रुटियों को ज्‍़यादा महत्त्व दिया जाता था। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने आलोचना के ऐतिहासिक और समाजशास्त्राीय स्वरूप की प्रस्तुति की और ‘लोक के भीतर ही कविता क्या किसी भी कला का प्रयोजन और विकास होता है’—के सिद्धान्त का निरूपण किया। उन्होंने आलोचना को व्यवस्थित रूप देने के लिए कुछ निश्चित मानदंड स्थापित किए।

यह पुस्तक आचार्य शुक्ल के जीवन, आलोचक के रूप में, के विकास और उनकी दृष्टि का एक सम्पूर्ण ख़ाका खींचने की कोशिश करती है। उनके प्रामाणिक जीवन-वृत्त के साथ ‘बीसवीं शताब्दी का काव्यात्मक आन्दोलन’ (कविता क्या है?); ‘आचार्य रामचन्द्र शुक्ल’; ‘वैचारिक निबन्धों के प्रथम आचार्य’; ‘आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की आलोचना दृष्टि’ और ‘उनकी साहित्येतिहास दृष्टि’—इन पाँच अध्यायों में विभक्त यह पुस्तक आचार्य शुक्ल को समझने और पढ़ने के नए द्वार खोलती है। इसके अलावा डॉ. पांडेय ने गहन शोध के बाद इस पुस्तक में आचार्य शुक्ल से सम्बन्धित अभी तक अनुपलब्ध कई महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ भी जुटाई हैं।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2003
Edition Year 2022, Ed. 3rd
Pages 215p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Aacharya Ramchandra Shukla : Aalochana Ke Naye Mandand
Your Rating
Bhavdeo Pandey

Author: Bhavdeo Pandey

भवदेव पांडेय

जन्म : 1924; ग्राम—भरामा, ज़िला—गोरखपुर।

 

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी) पीएच.डी.।

पूर्व हिन्दी प्राध्यापक, के.बी.पी.जी. कॉलेज, मिरजापुर, उत्तर प्रदेश।

 

प्रकाशित कृतियाँ : ‘अन्धेर नगरी : समीक्षा की नई दृष्टि’ (1995), ‘अंधायुग : अधुनातन समीक्षा दृष्टि’ (1995), ‘भारतेन्दु हरिश्चन्द्र :  नए परिदृश्य’ (1997), ‘बंग-महिला : नारी मुक्ति का संघर्ष’ (1999), ‘पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’’ (2001)।

हिन्दी की लगभग सभी साहित्यिक पत्रिकाओं में आलोचना,  लेख,  संस्मरण,  इंटरव्यू  आदि  निरन्तर प्रकाशित। दूरदर्शन और आकाशवाणी से वार्ता, रेडियो रूपक, कविता आदि प्रसारित।

 

पुरस्कार : ‘सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ पुरस्‍कार’ आदि।

 

निधन : 25 फरवरी, 2011 

Read More
New Releases
Back to Top