Yun Bhi Kabhi-Kabhi

Author: Mamta Tiwari
Edition: 2018, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Yun Bhi Kabhi-Kabhi

जब ज़िन्दगी की रोशनी ने अचानक काला लिबास पहन लिया और अन्धकार छा गया तब कविता ने मुझे सिखाया कि उस मुक़ाम पर जहाँ दूसरों की बुराइयों की चोट से रोना नहीं आता, बल्कि लोगों की अच्छाइयाँ देख आँखें भर आती हैं, बस तभी असली कविता की शुरुआत होती है, और आज आँखों में कुछ नमी सी है...।

 

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 2nd
Pages 79p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 28.5 X 1
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Mamta Tiwari

Author: Mamta Tiwari

ममता तिवारी

जन्म : 14 मई, 1963

शिक्षा : एम.एससी. (रसायनशास्त्र)।

रेडियो आज़ाद, आकाशवाणी से प्रसारण; विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन; कार्यक्रमों का संचालन।

पुरस्कार : ‘अभिव्यक्ति’, ‘कला मंदिर’, ‘सुमन स्मृति’।

कृतियाँ : ‘क्या कह रही ज़िन्दगी’, ‘रेशमी ख़्वाब मखमली रातें’, ‘चुभती दोपहर’, ‘कहकशां’, ‘यूँ भी कभी-कभी’, ‘ख़्वाब शरारती’ और ‘मीरा नाचती रही’, ‘ख़त’, ‘सरगोशियाँ’।

ई-मेल : zindagi.mm16@gmail.com

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