Yashpal Ka Kahani Sansar : Ek Antrang Parichya

Author: C. M. Yohannan
Edition: 2005, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Yashpal Ka Kahani Sansar : Ek Antrang Parichya

यह सर्वविदित है कि यशपाल प्रेमचन्दोत्तर कथाकारों में श्रेष्ठतम हैं। भारतीय जीवन के आदर्शवादी विचारों और व्यवहार में जो झूठ की दीवारें खड़ी थीं, उन्हें गिराने में यशपाल ने अपनी क़लम का इस्तेमाल किया। जीवन का कोई भी क्षेत्र उनके प्रहारों से बच न सका।

यशपाल कालजयी लेखक हैं। कथाकार की हैसियत से यशपाल की लोकप्रियता हिन्दी-जगत में जितनी व्यापक है, हिन्दीतर-जगत में उससे थोड़ी भी कम नहीं है। इसका कारण यह है कि कथाकार यशपाल ने शोषित वर्ग के जीवन का यथार्थपरक चित्र अंकित किया है।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2005
Edition Year 2005, Ed. 1st
Pages 168p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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C. M. Yohannan

Author: C. M. Yohannan

सी. एम. योहन्नान


केरल विश्वविद्यालय के मार इवानियोस कॉलेज, तिरुवनन्तपुरम के हिन्दी विभाग के प्राध्यापक को अपने शोध ग्रन्थ ‘यशपाल और केशव देव के कहानी साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन’, पर पीएच.डी. की। प्रस्तुत शोध-कार्य केरल विश्वविद्यालय के हिन्दी प्रोफ़ेसर डॉ. वी.पी.एम. मेत्तर के मार्ग निर्देशन में किया गया। यह पुस्तक उसी शोध-ग्रन्थ का पूरक है।

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